पाकिस्तान कोर्ट ने अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में नवाज शरीफ को किया बरी
इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया। अदालत के इस फैसले से आगामी चुनावों में शरीफ के अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के रास्ते में एक बड़ी कानूनी अड़चन दूर हो गई है। शरीफ (73) को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने दिसंबर 2018 में सात साल की जेल की सजा सुनाई थी और उन पर भारी जुर्माना लगाया था। अदालत ने शरीफ की यह दलील स्वीकार नहीं की थी कि 2001 में उनके पिता द्वारा सऊदी अरब में स्थापित स्टील मिल से उनका कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें एवेनफील्ड मामले में पहले ही बरी कर दिया गया था, जिसमें उन्हें जुलाई 2018 में दोषी ठहराया गया था और दस साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
उन्हें भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में भी राहत मिली, जिसमें उन्हें 2018 में अदालत द्वारा निर्दोष करार दिया गया था, लेकिन बरी किए जाने को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही निगरानी संस्था एनएबी द्वारा दर्ज एक मामले में 2018 में भ्रष्टाचार विरोधी अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील पर सुनवाई की। पीठ ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष एक भी सबूत पेश नहीं कर सका। इसलिए, सबूत का बोझ आरोपी पर नहीं डाला जा सकता।”
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि एनएबी अभियोजक सबूत पेश करने में क्यों विफल रहे। उन्होंने कहा, ‘‘आप अभियोजक थे। हमें बताएं कि आपके पास क्या सबूत हैं। हमें बताएं कि आपने किस आधार पर सबूत का बोझ आरोपी पर डाला।” एनएबी ने मामले को फिर से सुनवाई के लिए निचली अदालत में वापस भेजने के का अनुरोध किया लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। सुनवाई के समय पूर्व प्रधानमंत्री मौजूद थे। इसी पीठ ने 29 नवंबर को एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में शरीफ को बरी कर दिया था।
अदालत के इस फैसले के साथ, शरीफ को सभी तीन मामलों से बरी कर दिया गया है, जिसमें एवेनफिल्ड मामला, फ्लैगशिप मामला और अल-अजीजिया मामला शामिल है। पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा 1999 में शरीफ की सरकार को गिराने और उनके परिवार को देश से बाहर भेजने के बाद मिल की स्थापना के समय शरीफ सऊदी अरब में निर्वासन में रह रहे थे। शरीफ के बेटे हुसैन नवाज मिल के प्रशासनिक प्रमुख थे। शरीफ, एकमात्र पाकिस्तानी राजनेता हैं, जो रिकॉर्ड तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। वह फरवरी 2024 में होने वाले आम चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अक्टूबर में देश लौट आए।