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सफेद बालों को रंगीन बनाने के लिए जानें घरेलू उपाय

नई दिल्ली : आजकल उम्र चाहे कोई भी हो, सफेद बालों की समस्या से तो हर कोई परेशान है। यहां तक कि अब तो स्कूल-कॉलेज जाती लड़कियों के बाल भी सफेद होने लगे हैं। इन्हीं वाइट और ग्रे हेयर्स से छुटकारा पाने के लिए मार्केट में ना जाने कितने तरह के केमिकल वाले डाई आ गए है।

जितनी चिंता आपको अपने बालों की हैं, उतनी ही हमें आपकी। इसलिए आज हम आपको इस लेख में एक ऐसा घरेलू नुस्खा बताने वाले हैं, जो आपके सफेद और ग्रे बालों को काला करने मे मदद कर सकता है। तो आज ही इन कैमिकल वाली डाई को कहें ना और हमारे बताएं इस उपाय को कहें हां।

आज हम आपको इस नुस्खे में जिन जरूरी चीजों को इस्तेमाल करने के बारे में बताने बाले हैं, वो न सिर्फ आपके बालों को काला करेंगे बल्कि इन्हें घना, मजबूत और शायनी बनाने में भी मदद करेंगे। बाजार से लाए गए हेयर प्रोडक्ट्स भले ही अपना साइड इफेक्ट छोड़ सकते हैं, लेकिन इस घरेलू नुस्खे से ऐसा होने की संभावना बहुत ही कम है।

इन सामग्रियों की पड़ेगी जरूरत

1 लोहे की कढ़ाई
1 गिलास पानी
2 चम्मच चाय पत्ती
3 छोटे चम्मच कॉफी पाउडर
2 बड़े चम्मच हीना महेंदी
1 बड़ा आंवला पाउडर
1 चम्मच कलौंजी पाउडर
1 चम्मच दही

ऐसे करें तैयार

सबसे पहले लोहे की कढ़ाई को गैस पर रख दें।
अब इसमें एक गिलास पानी डालकर गर्म होने के लिए छोड़ दें।
जब पानी गर्म हो जाए तो इसमें तीन छोटे चम्मच कॉफी पाउडर और दो चम्मच चाय पत्ती डालकर अच्छे से पकने दें।
कॉफी का रंग आते ही इसमें दो बड़ें चम्मच हीना महेंदी डालकर घोल बनने तक अच्छे से पकाएं।
अब इसमें आंवला आउडर और दही डालकर मिक्स कर दें।
लीजिए तैयार हैं आपके सफेद बालों का घरेलू उपचार।

इन बातों का रखें

जब भी आप इस नुस्खे को आजमाएं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि घोल में ज्यादा मात्रा में पानी न पड़े वरना बालों पर लगाने के बाद ये टपकता रहेंगा। साथ ही इसे सूखा भी बिल्कुल न छोड़ें।
अगर आपके सिर में किसी भी तरह की एलर्जी है या फोड़े-फूंसी हो रखे हैं तो ऐसे किसी भी तरह के नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
आप चाहें को इसे रातभर कढ़ाई में रखने के बाद अगले दिन भी इस्तेमाल कर सकती हैं। वरना बनाने के चार से पांच घंटे बाद भी बालों पर लगा सकती हैं।

वैसे तो बढ़ती उम्र ही सफेद बालों का कारण होती है, लेकिन आजकल हर उम्र की महिलाएं इस समस्या से परेशान है। जिसका कारण जेनेटिक भी हो सकता हैं। इसके अलावा प्रदूषण, यूवी किरणें, सिगरेट का धुआं, पोषण की कमी, हार्मोनल चेंजेस या अन्य मेडिकल कंडीशन जैसे- विटिलिगो, ऑटोइम्यून और थायरॉइड जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

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