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सेहतमंद रहने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी, डाइट में शामिल करें ये सुपरफूड

नई दिल्ली : आज हम आपको महिलाओं के लिए जरूरी सुपरफूड के बारे में बता रहे हैं। आपको इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा ऐसी कौन सी बीमारी हैं जो आपको परेशान कर सकती हैं। आइए जानते हैं। महिलाओं को खाने में दही या लो फैट योगर्ट जरूर शामिल करना चाहिए। दही से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है और पेट से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। दही खाने से अल्सर और वेजाइनल इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है।

महिलाओं को कैल्शियम और विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए लो फैट मिल्क या फिर संतरे का जूस जरूर पीना चाहिए। इससे शरीर को भरपूर विटामिन D और कैल्शियम मिलता है। इससे हड्डियां मजबूत, ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस, ब्रेस्ट और ओवरी के ट्यूमर का खतरा भी कम हो जाता है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर बीन्स दिल की बीमारियों और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करती हैं। बीन्स से हार्मोंस बैलेंस करने में भी मदद मिलती है। इससे कोलेस्ट्रॉल और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

महिलाओं के स्वास्थ्य रहने के लिए टमाटर का सेवन जरूर करना चाहिए। टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन तत्व ब्रेस्ट कैंसर से बचाता है। इसमें मजबूत एंटीऑक्सीडेंट दिल की बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं और त्वचा को हेल्दी रखते हैं।
बेरीज-

महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेरी भी बहुत फायदेमंद हैं। आप सीजन पर खूब स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी और क्रैनबेरी खाएं। इनमें एंटी-कैंसर पोषक तत्व (Nutrients) होते हैं। कई रिसर्च में कहा गया है कि बेरीज महिलाओं को ब्रेस्ट और पेट के कैंसर से बचाती हैं। बेरीज विटामिन सी और फोलिक एसिड का अच्छा स्रोत हैं। प्रेग्नेंसी में भी बेरीज खाने की सलाह दी जाती है। बेरीज में एंटी-एजिंग तत्व भी पाए जाते हैं। इसके अलावा यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (urinary tract infection) को भी कम करने में भी बेरीज मदद करती हैं।

1- कैंसर- महिलाओं को कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है। खासतौर से स्तन और सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होता है। अगर समय रहते इन कैंसर का पता चल जाए तो इलाज संभव है लेकिन कई बार गंभीर समस्याएं भी होने लगती हैं।

महिलाओं में पुरुषों से अलग प्रजनन से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं। महिलाएं यूटीआई और बैक्टीरियल संक्रमण से काफी प्रभावित होती हैं। हालांकि इससे गर्भधारण पर कई ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

महिलाओं में अवसाद, चिंता और कई तरह के मनोविकार पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होते हैं। कई बार महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका दीर्घकालिक असर देखने को मिलता है। ऐसे में अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल जरूर रखें।

महिलाओं में हार्मोंस बदलाव के चलते पुरुषों से जल्दी मोटापा, डायबिटीज और हार्ट, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए जीवनशैली में सुधार और खान-पान पर बहुत देने की जरूरत है।

गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इस दौरान महिलाओं को अस्थमा, डायबिटीज या डिप्रेशन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंच सकता है।

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