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कांग्रेस का आरोप: मोदी सरकार ने किसानों के प्रति की अनदेखी, विवादास्पद कानूनों को लागू करने की तैयारी

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यादाश्क मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा का कड़ा विरोध किया। इसके चलते उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल x पर लिखा कि किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों की शहादत के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को अपने कार्यों का अहसास नहीं हुआ है। अब तीन विवादास्पद किसान कानूनों को फिर से लागू करने की बात की जा रही है, जिसपर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध किया है।

किसानों के प्रति सरकार की नीतियों पर सवाल
साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने किसानों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। आंदोलन के दौरान, सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अत्याचार किया, जिसमें ड्रोन से आँसू गैस का इस्तेमाल, कँटीले तार लगाना, और यहां तक कि गोली चलाना भी शामिल था। इन घटनाओं ने देश के 62 करोड़ किसानों को गहरे जख्म दिए हैं, जिन्हें वे कभी भूल नहीं पाएंगे। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने किसानों के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं। प्रधानमंत्री ने संसद में किसानों को “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” कहा, जिसका जवाब हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों के किसानों द्वारा दिया जाएगा।

मोदी सरकार ने वादों पर अमल नहीं किया
यह भी याद दिलाया कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अन्नदाताओं से कई वादे किए थे, लेकिन उन पर कोई अमल नहीं हुआ:

  1. 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा
  2. स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादन लागत + 50% न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करना
  3. MSP को कानूनी दर्जा देने का वादा
    किसान आंदोलन के दौरान, मोदी ने सरकारी समिति की घोषणा की थी, लेकिन वह आज भी ठंडी बस्ते में पड़ी हुई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार MSP की कानूनी गारंटी के खिलाफ है, जो किसानों के हित में नहीं है।

शहीद किसानों का सम्मान नहीं
किसानों की शहादत के बाद, सरकार ने उनके परिवारों को कोई राहत नहीं दी। संसद में शहीद किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखने की भी जरूरत नहीं समझी गई। इसके बजाय, सरकार ने लगातार किसानों का चरित्र हनन जारी रखा है। यह भी दावा किया कि पूरा देश जान गया है कि भाजपा की नीतियों में किसान विरोधी मानसिकता बसी हुई है, और यह स्थिति अब और बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

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