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हाथ या पैर में पहनती हैं काला धागा तो इन नियमों का रखें ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान

नई दिल्ली : काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को कई तरह के अवशोषित करता है और आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा भरने में सहायता करता है। हांलाकि बहुत सारे लोग आजकल फैशन के चलते काला धागा पहनते हैं। आपने कई लोगों को हाथ-पैरों में काला धागा पहने हुए देखा होगा। क्योंकि काला धागा नकारात्मक ऊर्जा से हमारी रक्षा करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के साथ-साथ आपको बुरी नजर से बचाता है। आपको बता दें कि काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को कई तरह के अवशोषित करता है और आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा भरने में सहायता करता है। हांलाकि बहुत सारे लोग आजकल फैशन के चलते काला धागा पहनते हैं। लेकिन अगर आप काला धागा पहनने के दौरान कुछ नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको इसका दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकता है।

इसलिए शरीर के किसी भी हिस्से में काला धागा पहनने से पहले आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी काला धागा पहनना चाहते हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसको धारण करने के दौरान किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

काफी लंबे समय से पैर में काला धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक काला धागा पहनने से कई विशेष रूप से फायदे होते हैं। यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक सुधार कर सकता है। मुख्य तौर पर छोटे बच्चों के हाथ-पैर में काला धागा बांधा जाता है। जिससे बच्चे बुरी नजर के असर से बचे रहें। वहीं सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़ों पर भी काला धागा पहनने से किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं देखने को मिलता है।

यदि आप शरीर के किसी भी हिस्से में काला धागा धारण करते हैं, तो आपको कुछ गलतियों से बचने की सलाह दी जाती हैं। आइए जानते हैं कि काला धागा पहनने के दौरान कौन-कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।

ध्यान रखें कि काले धागे को बार-बार नहीं बदलना चाहिए। क्योंकि आप जब भी काला धागा पहनते हैं, तो कुछ नियमों का पालन करना होता है। ऐसे में अगर आप बार-बार इस धागे को बदलते हैं, तो इसका असर कम हो सकता है। इसलिए प्रयास करें जब भी काला धागा पहनें, तो इसको तभी बदलना चाहिए जब यह पुराना हो जाए।

आपको कभी भी पुराना व कटा हुआ धागा नहीं धारण करना चाहिए। क्योंकि ऐसा धागा नकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसलिए धागे के टूट जाने पर इसे बदलने की सलाह दी जाती है।

किसी व्यक्ति की ऊर्जा के लिए काले धागे को व्यक्तिगत और अद्वितीय माना जाता है। इसलिए इसके व्यक्तिगत प्रभाव को बनाए रखने के लिए इसको दूसरों के साथ शेयर करने से बचना चाहिए।

यदि आप काला धागा पहनती हैं और उसकी साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देती हैं, तो आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। क्योंकि काला धागा शनि ग्रह का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में रोजाना इसकी सफाई न करने से आपको शनिदोष लग सकता है। जिससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

आपने जहां पर काला धागा पहना है, वहां पर किसी अन्य रंग का धागा नहीं पहनना चाहिए। जैसे अगर आप हाथ की कलाई में काला धागा धारण करती हैं, अन्य रंग का धागा नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि काला धागा तब अपना प्रभाव दिखाता है, जब आप इसे अकेले धारण करते हैं।

हमेशा शनिवार के दिन ही काला धागा पहनना चाहिए। क्योंकि शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है और काला रंग भी शनि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसका पूर्ण परिणाम पाने के लिए इसको किसी शुभ दिन पहनना चाहिए। काले धागे को पहनने के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करता चाहिए। ताकि आपको इसका पूरा लाभ मिल सके और किसी भी बुरी दृष्टि न लगे।

काले धागे को पहनने से संबंधित ज्योतिषीय प्रथाएं विभिन्न संस्कृतियों और ज्योतिषीय परंपराओं के बीच अलग हो सकती हैं। इसलिए किसी जानकार ज्योतिष से परामर्श के बाद ही काला धागा पहनना चाहिए।

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