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कनाडा में खालिस्तानियों की नापाक हरकतें जारी, वैंकूवर के ऐतिहासिक गुरुद्वारे और मंदिरों पर लिखे भारत विरोधी नारे

वैंकूवर: कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में, वैंकूवर स्थित एक ऐतिहासिक गुरुद्वारे और ब्रिटिश कोलंबिया के कुछ मंदिरों की दीवारों पर खालिस्तानी और भारत विरोधी नारे लिख कर उन्हें विरूपित किया गया है। इस घटना से सिख और हिंदू समुदाय में रोष है।

वैंकूवर के खालसा दीवान सोसाइटी गुरुद्वारे, जिसे रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे के नाम से भी जाना जाता है, की दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखे पाए गए। गुरुद्वारे के प्रवक्ता ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए इसे पवित्र गुरुद्वारे की दीवारों को दूषित करने का काम बताया। उन्होंने कहा कि यह अलगाववादी सिखों के एक गुट की हरकत है और खालसा साजना दिवस के मौके पर एकता की सौगंध खाने के समय ऐसा करना बेहद निंदनीय है। प्रवक्ता के अनुसार, कट्टरपंथी ताकतें सिखों को बांटना चाहती हैं और यह भय पैदा करने का एक प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बुजुर्गों ने विविधता और स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया है और वे फूट डालने की इस कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे।

गौरतलब है कि बीते रविवार को इसी गुरुद्वारे में नगर कीर्तन और बैसाखी परेड का आयोजन हुआ था, जिसमें खालिस्तान समर्थकों को शामिल होने से रोक दिया गया था। माना जा रहा है कि यह घटना उसी का बदला हो सकती है।

गुरुद्वारे के अलावा खालिस्तानियों ने सूरी और ब्रिटिश कोलंबिया में मंदिरों को भी निशाना बनाया है। यहां भी खालिस्तानी नारे लिखे गए हैं। विशेष रूप से, लक्ष्मीनारायण मंदिर को भी निशाना बनाया गया। मंदिर के प्रवक्ता पुरुषोत्तम गोयल ने कहा कि लक्ष्मीनारायण मंदिर कनाडा में हिंदुओं और सिखों में एकता बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाता है, इसीलिए इसे लक्षित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है, जो समुदायों के बीच फूट डालने की गहरी साजिश है।

पुरषोत्तम गोयल ने पिछले साल दिसंबर में रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे में हिंदू और सिख समुदाय के लगभग 60 लोगों के एक साथ आकर फूट डालने वालों की साजिशों को नाकाम करने के ऐलान का भी जिक्र किया। बता दें कि कनाडा में 2023 और 2024 में भी कई मंदिरों पर हमले किए गए थे और पुलिस अब तक उन उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी खालिस्तानियों ने पहले उपद्रव किया था। इस ताजा घटना के बाद कनाडा में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर लगाम लगाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है।

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