आज ही के दिन हुआ था मां गंगा का पुनर्जन्म
12 मई 2016 (गुरुवार) को गंगा सप्तमी है। कहा जाता है कि इसी दिन मां गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। इसलिए इस पर्व को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है।
मान्यता है कि देवी गंगा धरती पर पहली बार गंगा दशहरा को अवतरित हुई थीं। लेकिन जाहनू नामक ऋषि ने गंगा का पूरा पानी पी लिया। सभी देवताओं और राजा भागीरथ की याचनाओं के बाद ही उन्होंने गंगा सप्तमी के दिन गंगा के पानी को वापस छोड़ा।
उस दिन के बाद से इस दिन को देवी गंगा के पुनः अवतरण और जाहनु सप्तमी के नाम से मनाया जाता है। ऋषि जाहनु के मुख से पुनर्जन्म लेने के कारण ही गंगा का एक नाम जाह्नवी भी पड़ा है।
इस दिन सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करना श्रेयस्कर माना गया है। गंगा आरती के साथ इस दिन की शुरुआत की जाती है और संध्या में दीपदान किया जाता है। गंगा नदी के किनारों पर इस दिन बड़े मेले लगते हैं।
इस दिन गंगा सहस्रनाम स्त्रोत और गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत शुभ बताया जाता है। शास्त्रों का कहना है कि इस दिन गंगा में स्नान कर उनकी पूजा-अर्चना करने से कुंडली का मंगल दोष दूर होता है।