पटना : भारतीय सेना में भर्ती के लिए आई अग्निपथ योजना में अभ्यर्थियों से जाति पूछने के खिलाफ बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू और विपक्षी दल आरजेडी के सुर एक से नजर आ रहे हैं। जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर आरएसएस और बीजेपी की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने कहा कि आरएसएस जाति के आधार पर बाद में अग्निवीरों की छंटनी करेगा। सेना में आरक्षण नहीं है तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है?
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की BJP सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीरों से जाति पूछती है। ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन RSS बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा।
तेजस्वी ने भारतीय सेना में भर्ती के नोटिफिकेशन का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें अभ्यर्थियों से जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 75 सालों तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75 फीसदी सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी। मगर संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति या धर्म देखकर 75 फीसदी सैनिकों की छंटनी करेगी। सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?