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पौष अमावस्या से मिलता है पितरों को मोक्ष, बस ये 4 काम करना न भूलें

नई दिल्ली : इस साल की पहली अमावस्या यानी पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 को है. वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन चूंकि पौष का महीना और अमावस्या दोनों ही पितरों को समर्पित है, ऐसे में पौष अमावस्या का महत्व दोगुना हो जाता है.

मान्यता है कि पौष अमावस्या पर कुछ विशेष कार्य करने से पितरों यमलोक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग को प्राप्त होते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या पर क्या करें.

इस समय करें श्राद्ध – पितरों का श्राद्ध करने के लिए सुबह 11.30 से दोपहर 1 बजे तक के बीच का समय उत्तम माना जाता है. मान्यता है अमावस्या पर दोपहर के समय पितर अपने वंशज के बीच आकर उनसे जल-अन्न प्राप्ति की उम्मीद रखते हैं. ऐसे में इस समय किया गया श्राद्ध 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को तृप्त करता है. पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं.

पितृ दोष से मुक्ति दिलाएगा ये दान – सुपात्र में दिया गया दान व्यक्ति को यश, सफलता और सौभाग्य के साथ अमोघ फल प्रदान करता है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पौष अमावस्या पर अन्न, चावल, दूध, घी, कंबल, धन का दान करें. कहते हैं पितृ दोष से जीवन संकटों से घिर रहता है लेकिन अमावस्या पर किया श्राद्ध कर्म इससे मुक्ति दिलाता है. वंश में वृद्धि होती है.

पीपल की पूजा से पूरे होंगे काम – कई बार पितृ दोष या फिर पूवर्जों की नाराजगी के कारण परिवार की तरक्की रूक जाती है, मांगलिक कार्य में बाधाएं आने लगती है. ऐसे में पौष अमावस्या पर पीपल को जल में दूध, चावल, काले तिल मिलाकर सीचें. शाम को पीपल के नीचे तेल का दीपक लगाएं. इससे जीवन का अंधकार समाप्त होता है. शनि भी प्रसन्न होते है और पूर्वजों के आशीर्वाद से परिवार उन्नति करता है.

स्नान – पौष अमावस्या पर गंगा नदी या घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करें. इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है. पूर्वजों के निमित्त तर्पण करें.

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