उत्तराखंडदस्तक-विशेषराज्य

वरदान साबित हो रही अटल आयुष्मान योजना

सुनील तिवारी

दिल्ली में संपन्न हुए आरोग्य मंथन कार्यक्रम में उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ट अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्कृष्ट अवार्ड 2023 से सम्मानित किया। केन्द्र सरकार ने आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट और डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल क्रियान्वयन के क्षेत्र में उत्तराखंड को इस राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना की प्रगति अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। उत्तराखंड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति आपको न मिले।

क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम

उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में क्लेम भुगतान में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए प्रदेश में 248 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से क्लेम भुगतान करने के लिए 15 दिन के मानक निर्धारित किए हैं लेकिन उत्तराखंड में सात दिन के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जा रहा है। अस्पताल कार्ड धारक मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजते हैं। प्राधिकरण की ओर से क्लेम का ऑडिट किया जाता है जिसके बाद अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।

52 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड

प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क इलाज पर सरकार ने 1554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरुआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया। योजना का नतीजा यह है कि उत्तराखंड के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रुपये तक अपना और परिजनों का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं। उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ट अवार्ड मिलने पर सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर आर राजेश कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में आयुष्मान के जरिए जो भी अस्पताल इलाज मुहया कर रहे हैं, उनको उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग समय पर भुगतान कर रहा है, जिसके कारण राज्य के अधिकांश अस्पतालों ने अपने यहां आयुष्मान कार्ड से इलाज करना शुरू कर दिया है, जिसका लाभ राज्य के नागरिकों को मिल रहा है।

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