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आयुष्मान लाभार्थी को इलाज के लिए देने पड़े 20 हजार रुपए, रिश्वतखोर पटवारी सस्पेंड

सिरसा : हरियाणा में सरकारी योजनाएं अफसरों और कर्मचारियों के लिए कैसे धनलक्ष्मी साबित हो रही हैं। इसकी ग्राउंड रियलिटी शनिवार को उस वक्त मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने आई जब वे सिरसा के गांव बड़ागुढ़ा में ग्रामीणों से संवाद कर रहे थे।

इस दौरान एक युवक ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ है। लेकिन, निजी अस्पताल ने उससे इलाज के नाम पर 20 हजार रुपए लिए। एक अन्य युवक ने भी निजी अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर पैसे लिए जाने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने सीएमओ को निर्देश दिए कि मामले की जांच कर समुचित कार्यवाही करें। इसकी रिपोर्ट 7 दिन में उन्हें भी भेजी जाए। इसके अलावा, यदि कोई और मामला इस प्रकार का सामने आता है तो अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाए।

जन संवाद के दौरान गांव के युवक ने बताया कि जमीन संबंधी कार्य करने की एवज में गांव छतरियाँ के नहरी पटवारी नरेश ने उससे 5 हजार रुपए मांगे। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नहरी पटवारी नरेश सस्पेंड करने के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य नशे को जड़ से खत्म करना है। इसके लिए सरकार के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है। इसलिए गांववासी भी लोगों को जागरूक करें ताकि युवा नशे की तरफ न जाएं। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि वे नशा बेचने वालों की सूचना सरकार को दें, उन पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

एक दिव्यांग युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि श्रवण एवं वाणी दिव्यांग व्यक्तियों को पेंशन बनवाने के लिए सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की जरूरत होती है। लेकिन, इसमें काफी समय लगता है। क्योंकि मशीन ऑपरेट करने के लिए कोई ऑपरेटर ही नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने सीएमओ को निर्देश दिए कि ऐसी मशीनों को ऑपरेट करने के लिए युवकों को विशेष ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। इस अवसर सांसद सुनीता दुग्गल, मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव, पूर्व विधायक सरदार बलकौर सिंह सहित जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

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