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मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी, 4 सितंबर तक इन राज्यों में मूसलाधार बारिश के साथ बिजली भी गिरेगी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है। इस बारिश की वजह जहां कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है वहीं कई इलाकों में सड़कें तालाब बन गई है। जिसकी वजह से लोगों का भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मौसम विभाग की माने तो 4 सितंबर तक देश के कई हिस्सों में बारिश का यही हाल रहेगा। 4 सितंबर के बाद हालात थोड़े बेहतर होंगे और बारिश का दौर थम जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह से बारिश जारी है। बारिश के कारण कई सड़कों पर पानी जमा हो गया है। पानी भरने के कारण सड़कों पर गाड़ियों को चलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली एनसीआर में आज सुबह से ही बादलों की गड़गड़ाहट के साथ झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो अगले एक दो दिनों तक दिल्ली में भारी बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग ने बारिश को लेकर दिल्ली में अलर्ट भी जारी किया है।

दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र समेत देश के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। इस कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश और जलभराव के कारण लोग घरों से निकल नहीं पा रहे हैं। जगह-जगह सड़कों पर पानी भर गया है। इस कारण लोगों को सड़कों पर चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस बारिश की वजह से कई इलाकों में नदियां अपने उफान पर है और उन इलाकों में बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है। गंगा, यमुना, कोसी समेत कई नदिया खतरे के निशान से उपर बह रही है और स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। इस बीच मौसम विभाग बारिश को लेकर ताजा अपडेट किया है। मौसम विभाग (MID) की मानें तो सितंबर में देशभर में सामान्य से अधिक बारिश होगी, जबकि अगस्त में सामान्य से 24 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने बुधवार को कहा कि सितंबर महीने में देश के अधिकांश हिस्से में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होगी।

मृत्युंजय मोहापात्रा के मुताबिक सितंबर में उत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण भारत के दक्षिणी हिस्से में सामान्य या उससे कम बारिश होने की संभावना है। साथ ही उन्होंने कहा कि नवीनतम वैश्विक मॉडल पूर्वानुमान बताते हैं कि मौजूदा ईएनएसओ (अल निनो) की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर जारी रहने की संभावना है और नकारात्मक भारतीय महासागर द्विध्रुवीय स्थितियां जारी रहने की संभावना है। हालांकि, मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ऊपर समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) ठंडा होने के संकेत दे रहा है और मानसून के बाद ‘ला निना’ की स्थिति के फिर से उभरने की संभावना बढ़ गई है।

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