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दिल्ली में डेढ़ सौ करोड़ रुपए से बने आलीशान एमपी भवन का मुख्यमंत्री चौहान ने किया लोकार्पण

नई दिल्ली : दिल्ली में मध्य प्रदेश सरकार का सर्व सुविधायुक्त मध्यप्रदेश भवन बनकर तैयार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शाम को दिल्ली पहुंचकर इस भवन का लोकार्पण किया इस दौरान उनके साथ मंत्री, सांसद और विधायक भी मौजूद रहे। बता दे चाणक्यपुरी में डेढ़ एकड़ जमीन पर बना मध्यप्रदेश भवन किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है इस भवन में क्यों चार कमरे साथियों ढाई सौ लोगों के एक साथ बैठने के लिए ऑडिटोरियम भी बनाया गया है।

मध्यप्रदेश भवन का विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं है, इस साल करेंट प्राइजेज पर विकास दर 19.76 प्रतिशत है। हमारी जीएसडीपी भी अब 12 लाख करोड़ को पार कर गई है। हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश का यह नया भवन यही दर्शाता है कि हमारा राज्य अब तेजी से प्रगति और विकास कर रहा है। मध्यप्रदेश भवन केवल भवन नहीं है, यहां प्रदेश की जनता की भावनाएं भी हैं और आकांक्षाएं भी हैं।

सीएम शिवराज ने कहा कि मैं माननीय वेंकैया और सुषमा दीदी का इस अवसर पर स्मरण करना चाहूंगा, जिनके प्रयासों से हमें मध्यप्रदेश भवन के लिए यह भूखण्ड प्राप्त हुआ। इस भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। यह भवन केंद्र व राज्य के बीच सह अस्तित्व के भाव को और मजबूत करने का कार्य करेगा। कला और सांस्कृतिक धरोहरों को कोलाज, मूर्ति और चित्रों के माध्यम से उत्कृष्टता के साथ प्रदर्शित करने का कार्य किया गया है।

एमपी भवन एमपी भवन की खासियत
5889 वर्ग मीटर में फैला
104 कमरे ढाई सौ लोगों के लिए ऑडिटोरियम
35 लोगों का वीआईपी लाउंज
80 लोगों का सामान्य डाइनिंग रूम
45 लोगों का कॉन्फ्रेंस रूम

मुख्यमंत्री शिवराज ने भवन का बाह्य स्वरूप कंदरिया महादेव मंदिर,महाकालेश्वर मंदिर,सांची,बादल महल के साथ ही जनजातीय कलाकृतियों के त्रि-आयामी स्वरूपों में सुशोभित किया है। प्रथम तल पर मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर, स्वतंत्रता के नायक तथा जनजातीय लोककला को प्रदर्शित किया गया है। हमारी कोशिश रहेगी कि हमारे मंत्री, विधायक और सांसद के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर हमारे राज्य के अन्य नागरिक भी यहाँ की सुविधाओं का लाभ उठा सकें। यह नवनिर्मित भवन दिल्ली में मध्यप्रदेश की संस्कृति तथा गौरव के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित यह मिनी मध्यप्रदेश मिनी राज्य की विरासत, कला-संस्कृति और प्रदेश के आम जनों के प्रतीक के रूप में भी उभरेगा। इस भवन में हमने कक्षों की संख्या 108 तय की। क्योंकि हमारे यहां योगशास्त्र में आध्यात्मिक परिपूर्णता का प्रतीक है और वैदिक विज्ञान के अनुसार 108 सृष्टि की संपूर्णता का भी द्योतक है।

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