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अजमेर दरगाह के चिश्ती बोले, ‘लड़कियां बड़े से बड़े आदमी को भी फिसला सकती हैं’

अजमेर । अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम (मौलवी) सरवर चिश्ती एक बार फिर अपने एक वायरल वीडियो को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें उन्होंने फिल्म ‘अजमेर-92’ की रिलीज के संदर्भ में एक बयान जारी किया है। वीडियो में अजमेर शरीफ दरगाह के खादिमों के संगठन अंजुमन सैयद जदगन के सचिव चिश्ती को यह कहते हुए सुना जा सकता है, लड़की एक ऐसी चीज है जो बड़े से बड़े आदमी को भी फिसला सकती है।

उन्होंने कहा, इंसान सिर्फ पैसे या संस्कारों की वजह से भ्रष्ट नहीं हो सकता। लड़की एक ऐसी ‘चीज’ है जो बड़े से बड़े इंसान को भी गुमराह कर सकती है।

‘अजमेर-92’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी है और कई मुस्लिम संगठनों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पुष्पेंद्र सिंह द्वारा निर्देशित यह फिल्म अजमेर में 100 से अधिक लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और ब्लैकमेल की ‘सच्ची’ घटनाओं को दिखाने का दावा करती है।

चिश्ती को पौराणिक कथाओं से ‘मेनका और विश्वामित्र’ प्रकरण का उल्लेख करते हुए वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है : कोई भी इंसान विश्वामित्र की तरह नियंत्रण खो सकता है .. साथ ही, लड़कियों से जुड़े मामलों में कई बाबा जेल में हैं।

‘अजमेर-92’ 14 जुलाई को रिलीज होने वाली है। लेकिन रिलीज से पहले ही खादिम प्रतिनिधि इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अंजुमन सैयद जदगन के साथ ही अलग-अलग मुस्लिम प्रतिनिधि भी फिल्म के खिलाफ बयान जारी कर रहे हैं।

सरवर चिश्ती अपने कथित पीएफआई कनेक्शन को लेकर विवादों में रहे हैं। उदयपुर में कन्हैया लाल का सिर काटे जाने के बाद अजमेर में एक जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें जयपुर बुलाया था।

इस बीच, अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा, चिश्ती की टिप्पणी महिलाओं के प्रति उनकी गंदी मानसिकता को उजागर करती है। चिश्ती महिलाओं को केवल उपभोग की वस्तु मानते हैं। यह नारी शक्ति का अपमान है। खादिम समुदाय और पुलिस को उनके बयान पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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