छत्तीसगढ़

अधिकारियों से बोले सीएम, एनीमिया के खिलाफ चलाना पड़ेगा अभियान, ताकि इसे जड़ से मिटाया जा सके

दंतेवाड़ा: भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत दंतेवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि हमें एनीमिया के खिलाफ अभियान चलाना पड़ेगा, ताकि इसे जड़ से मिटाया जा सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों नाराजगी इसलिए जताई कि वे गौठान योजना में लापरवाही बरत रहे थे। नक्सल समस्या पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि यह समस्या केवल पुलिस की नहीं है सबके समन्वित प्रयास से इसे खत्म किया जा सकता हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अब दंतेवाड़ा जिले के लोगों के जीवन में परिवर्तन महसूस हो रहा है। लोग शांति की और लौट रहे हैं। व्यक्तिमूलक कामों और योजनाओ से यह सब संभव हुआ है। हमें एनीमिया के खिलाफ अभियान चलाना पड़ेगा, ताकि इसे जड़ से मिटाया जा सके। गौठानों का क्रियान्वयन पूरी शक्ति से करना होगा, इसके लिए वन विभाग को विशेष प्रयास करना होगा। आवर्ती चराई के लिए छोटे नहीं बड़े रकबे में व्यवस्था की योजना बनाई जाए। गौठान योजना में लापरवाही पर वन विभाग के अधिकारियों के पर नाराजगी जताई। अगली बार आऊंगा तो बस्तर में केवल आवर्ती चराई के फील्ड देखने जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या केवल पुलिस की समस्या नही, यह सबके समन्वित प्रयास से खत्म होगी। इसलिए राज्य सरकार का प्रयास है कि अंदरूनी इलाको तक शासन की योजनाएं पहुचाई जाए और यह पहुंच भी रही है क्योंकि जिला प्रशासन की टीम गांव गांव तक पहुच रहा है। लोगो को यहाँ रोजगार मिल है, डेनेक्स या खेती या स्व रोजगार से जोड़ा गया है तो नक्सली भर्ती में कमी आई है। हमें गांव को यूनिट मान कर युवाओ को रोजगार से जोड?ा है। आदिवासियों के बीच शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ रहा है। बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य और अपनी जीवन शैली के लिए पूरे जगत में प्रसिद्ध है पर्यटकों को फिर से यहाँ बुलाना है। बस्तर को विकसित करना है।

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