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नहीं रहे गुर्जर आंदोलन के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला,सेना से रिटायर कर्नल थे

जयपुर: राजस्थान के गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन हो गया. वे कई दिनों से बीमार थे. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था. बैंसला राजस्थान में गुर्जर आंदोलन का बड़ा चेहरा थे. हालांकि, बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.

किरोड़ी लाल बैंसला भारतीय सेना में कर्नल रहे हैं. उनके नेतृत्व में 2007 में राजस्थान में गुर्जरों ने बड़ा आंदोलन किया था. यह आंदोलन गुर्जरों को राजस्थान में आरक्षण दिलाने के लिए किया गया था. वे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख थे.

ओम बिरला ने जताया शोक

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा, बैंसला सामाजिक आंदोलन के प्रखर नेतृत्वकर्ता थे. उन्होंने सामाजिक अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया. उनकी कमी हमेशा महसूस होती रहेगी. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें. परिजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.

तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मणिपाल अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बैंसला के निधन पर लोग ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अजमेर से भाजपा सांसद भगीरथ चौधरी ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह जी बैंसला के निधन के समाचार दुःखद है। समाज सुधार एवं समाज को संगठित करने में आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को आपने श्री चरणों में स्थान एवं परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। बैंसला के बेटे विजय ने भी अपने पिता की मौत की पुष्टि की है।

भाजपा राजस्थान के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी बैंसला के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि ‘कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी नहीं रहे, श्रीहरि उन्हें अपने चरणों में स्थान दे। ॐ शांति’

जयपुर नगर निगम की मेयर ने शोक जताया
जयपुर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर ने लिखा है कि ‘कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी नहीं रहे , श्रीहरि उन्हें अपने चरणों में स्थान दे । ॐ शांति। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने लिखा- कर्नल किरोड़ी सिंह जी बैंसला के निधन का समाचार सुनकर मन व्यथित है। सामाजिक एकता के लिए समर्पित उनका जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि!’

गुर्जर आंदोलन को दी नई ऊंचाई
गुर्जर नेता बैंसला कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों ही उन्होंने अपने बेटे विजय बैंसला को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की कमान सौंप दी थी। किरोड़ी सिंह बैंसला सेना में कर्नल थे। सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और गुर्जर आंदोलन को एक नई धार एवं पहचान दी।

लंबे वक्त से बीमार थे बैंसला

किरोड़ी लाल लंबे वक्त से बीमार थे. ऐसे में अभी उनके बेटे विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख बन गए हैं. किरोड़ी लाल कोरोना काल में दो बार संक्रमित भी हुए थे.

2007 में बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों का बड़ा आंदोलन हुआ था. इसके बाद 2015 में भी उनके नेतृत्व में बड़ा गुर्जर आंदोलन हुआ था. 25 दिन चले आंदोलन के बाद बैंसला के नेतृत्व में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ गुर्जर समुदाय की बैठक हुई थी. इसमें गुर्जरों को 5% आरक्षण देने का फैसला लिया गया था.

गुर्जर समाज को जागरुक आरक्षण आंदोलन चलाया
इसके लिये कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुर्जर बाहुल्य इलाकों में जगह-जगह सभायें आयोजित कर समाज को जागरुक और एकजुट किया. उसके बाद कई बार बड़े आंदोलन किए. राजस्थान में बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के समय कर्नल बैंसला ने बड़ा आंदोलन किया. बाद में यह आंदोलन हिंसक हो गया था. इसमें गुर्जर समाज के कई युवा और अन्य लोग मारे गये थे. लेकिन बैंसला ने बाद में सरकार को आरक्षण संबंधी बात मनवाने के लिए मजबूर किया.

गुर्जर समाज के सबसे बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते थे
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जर समाज के सबसे बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते थे. उनकी छवि बेहद तेज तर्रार और बेहतरीन रणनीतिज्ञ वाले नेता की थी. हालांकि कुछ समय पहले आरक्षण के मुद्दे को लेकर गुर्जर समाज में दो गुट बन गये थे. लेकिन इसके बावजूद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का रुतबा कम नहीं हुआ था. कर्नल बैंसला की एक आवाज पर गुर्जर समाज उठ खड़ा होता था.

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