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कांग्रेस का सपा की ओर बढ़ा दोस्ती का हाथ, रामपुर-आजमगढ़ उपचुनाव पर बड़ा फैसला

लखनऊ : कांग्रेस रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित ने दी। योगेश ने प्रत्याशी न उतारने के पीछे तर्क दिया है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि यूपी में कांग्रेस खुद को पुर्निर्माण कर और मजबूत बनाए। इससे 2024 में होने वाले चुनाव में एक मजबूत विकल्प के तौर पर सके। वहीं प्रत्याशी नहीं उतरने पर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। लोगों को कहना है कि कांग्रेस ने सपा की ओर हाथ बढ़ाया है। यह 2024 की दोस्ती की कोशिश है।

आजम खान और अखिलेश यादव के विधायक बनने के बाद खाली हुई रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। 23 जून को मतदान होना है। भाजपा,सपा और बसपा ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ, सपा प्रत्याशी धर्मेंद यादव और बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली आज नामांकन करेंगे। वहीं रामपुर में भाजपा प्रत्याशी लोधी भी आज नामांकन करेंगे।

उपचुनावों में भाजपा और बसपा ने आजमगढ़ में सपा को धूल चटाने के लिए बड़ा दांव खेला है। यहां मुस्लिम और यादव की अच्छी आबादी है। इसे सपा का गढ़ माना जाता है। बसपा ने मुस्लिम-दलित वोटों को ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ से शाह आलम उर्फ ​​गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा है। जमाली इस निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय मुस्लिम नेता हैं और अगर उन्हें अपने समुदाय के साथ-साथ दलितों का भी समर्थन मिलता है, तो वे सपा को परेशान कर सकते हैं।

आजमगढ़ से लोकप्रिय भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारकर बीजेपी की नजर यादव वोटों पर है। निरहुआ पहले ही अभियान शुरू कर चुके हैं और बीजेपी सूत्रों की माने तो भोजपुरी के दो अन्य सितारे सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन भी निरहुआ के लिए प्रचार करेंगे। निरहुआ का अभियान इस बात पर केंद्रित है कि अखिलेश यादव ने आजमगढ़ के लोगों को उनके हाल पर ‘छोड़ दिया’।

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