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घर में ही करें गीले कचरे का निस्तारण, शुद्ध बनाएं पर्यावरण

मेरठ : शहर में 900 टन कचरा रोज निकलता है। जिसे डंपिंग में भेज दिया जाता है। यह कचरा पर्यावरण को बहुत आघात पहुंचा रहा है। मिट्टी को प्रदूषित करता है। कचरे से निकलने वाला लीचेट भूजल को प्रदूषित करता है और आसपास की हवा को जहरीली बना देता है। बड़ी मात्रा में कार्बन डाई आक्साइड निकलती है, जो हानिकारक है। इस कचरे की समस्या को यदि हम घर के स्तर पर समझने की कोशिश करें तो एक घर (लगभग चार लोग) हर दिन करीब 750 ग्राम से एक किलो तक कचरा उत्पादित करता है और इस कचरे में 70-80 फीसद कचरा गीला अथवा बायोडिग्रेडेबल होता है।

बायोडिग्रेडेबल यानी जो मिट्टी में जीवों की सहायता से विद्यटित हो जाता है। 20-30 फीसद कचरा सूखा जैसे प्लास्टिक, ग्लब्स, रैपर, बोतल आदि होता है। अच्छी बात ये है कि सूखे से ज्यादा कचरा गीला निकलता है। जिसकी होम कंपोस्टिंग करना आसान है। होम कंपोस्टिंग काफी आसान प्रक्रिया है। एक पुराना डिब्बा या बाल्टी लें। जिसमें चारों तरफ छोटे-छोटे छेद कर लें। अब इसमें किचन से निकलने वाला गीला कचरा जैसे सब्जी-फलों के छिलके, बचा हुआ बिना तरी वाला खाना, अंडे के छिलके, चाय पत्ती, आदि डाल सकते हैं।

इस कचरे को रोज चलाएं और ध्यान दें कि वह ज्यादा गीला या सूखा न रहे। गीला हो तो कुछ सूखी चीज जैसे पत्ते, घास आदि डाल दें। यदि सूखा हो तो थोड़ा पानी डाल दें। एक डब्बे की खाद डेढ़ से दो महीने में तैयार हो जाती है। अब तो कई प्रकार के कल्चर भी आते हैं जिनके इस्तेमाल से होम कंपोस्टिंग और आसान हो गई है।

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