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ब्लड शुगर को नेचुरल तरीके से कम करने के लिए असरदार टिप्स

नई दिल्ली : ब्लड शुगर यानी की शरीर में ग्लुकोज की मात्रा जो आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आता है, और ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है। लेकिन जब यह जब इसका लेवल बढ़ने लगता है तो डायबिटीज और प्रीडायबिटीज की स्थिति बनने लगती है। क्या होता है प्रीडायबिटीज? इसमें ब्लड शुगर बढ़ता है लेकिन इतना नहीं की इसे डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाए।

उम्र के हिसाब से ब्लड शुगर कितना होना चाहिए? 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 110 से 200 mg/dL, 6-12 साल के बच्चों के लिए 100 से 180 mg/dL, 13 -19 साल के बच्चों के लिए 90 से 150 mg/dL तक होना चाहिए। इससे ज्यादा उम्र के लोगों लिए 90 से 150 mg/dL नोर्मल लेवल होता है। इससे ज्यादा ब्लड शुगर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। साथ ही आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जो मधुमेह रेटिनोपैथी और अंधापन का कारण बनता है।

न्यूट्रिशनिस्ट ने असंतुलित ब्लड शुगर की परेशानी से जुझ रहे डायबिटिक और प्रीडायबिटीज लोगों के लिए कुछ डायट टिप्स शेयर किए हैं। उन्होंने लिखा है कि फाइबर मधुमेह के जोखिम में आपका मित्र है क्योंकि घुलनशील फाइबर ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोकता है। और चीनी के अवशोषण को धीमा करने में मदद कर सकता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल करने के असरदार उपाय

ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण

जल्दी पेशाब आना
थकान
बढ़ी हुई प्यास
धुंधली दृष्टि
सरदर्द

​चना
न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि चने में आहार फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। विशेष रूप से रैफिनोज नामक घुलनशील फाइबर की, जो ब्लड शुगर को कम करने का काम करता है।

​सेब
यह आपने कई बार सूना होगा कि हर दिन एक सेब डॉक्टर की फीस बचा सकता है। क्योंकि सेब कई सारी बीमारियों को दूर रखने का काम करता है। इनमें से डायबिटीज भी एक बीमारी है। दरअसल, सेब घुलनशील फाइबर पेक्टिन का एक अच्छा स्रोत है, जो चीनी के अवशोषण को धीमा करने का काम करता है। और ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है।

​ओट्स
ओट्स में अघुलनशील और घुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, लेकिन घुलनशील फाइबर विशेष रूप से फायदेमंद होता है। क्योंकि शरीर घुलनशील फाइबर को तोड़ नहीं सकता है, यह आपके रक्त द्वारा अवशोषित किए बिना आपके पेट में चला जाता है। इससे आपके ब्लड शुगर के लेवल में वृद्धि के बिना आपका पेट भरा रहता है। यह पेट के बैक्टीरिया के लिए सहायक प्रीबायोटिक के रूप में भी काम करता है।

​जौ
जौ में मौजूद लगभग 6 ग्राम फाइबर ज्यादातर घुलनशील फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर में कमी करने का काम करता है। यह सूजन को कम करने और ब्लड शुगर के लेवर को स्थिर रखने जैसे लाभ भी प्रदान करता है।

​सब्जा बीज
तुलसी के बीज यानी की सब्जा बीज उच्च फाइबर का स्त्रोत है। यह मेटाबॉलिज्म को धीमा करने में मदद करती है और कार्ब्स के ग्लूकोज में बदलने की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है। इसे एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है जो टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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