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हरियाणा में इलैक्ट्रिक सिटी बस सेवा, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू : मुख्य सचिव

चंडीगढ़ : मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहाकि राज्य सरकार का उद्देश्य हाई एक्शन प्लान को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करके वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाना है। इसी कड़ी में राज्य के शहरों में इलैक्ट्रिक सिटी बस सेवा शुरू की जा रही है और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम क्रियान्वित किया जा रहा है।

मुख्य सचिव आज यहां पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक 28 लाख वाहनों को चिन्हित कर स्टिकर लगाए गए हैं और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, भवन निर्माण एवं तोड़ने से उठने वाले धूल के गुब्बार पर काबू पाने के लिए भी कार्य किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहाकि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार के लिए बनाई गई नीति के तहत कई कारगर कदम उठाए गए हैं। इस कार्य में प्रदेश के नागरिकों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में वन एवं पर्यावरण तथा अन्य विभागों के सहयोग से हाई एक्शन प्लान के तहत कार्य किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में हरियाली युक्त क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। वन विभाग द्वारा ग्रीन हरियाणा के लिए वन कलस्टर बनाए गए हैं। राज्य में हरियाली तथा वृक्षारोपण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए नगर वन और नगर वाटिकाओं का विस्तार किया जा रहा है तथा वृक्षारोपण अभियान के लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए पराली जलाने पर न केवल सख्त कदम उठाए गए हैं बल्कि आपराधिक कार्रवाई भी अमल में लाई गई है। इसके साथ ही, एक्स-सीटू और इन-सीटू मैनेजमेंट सहित फसल अवशेष प्रबंधन की उचित व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, राज्य में पटाखे जलाने पर भी प्रभावी ढंग से प्रतिबंध लगाया गया है और उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन जारी कर राज्य को केरोसिन मुक्त बनाया गया है।

कौशल ने कहा कि प्रदेश में सीएक्यूएम की नीति की सख्ती से पालना की जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाले विभिन्न क्षेत्रों को नियंत्रित करने पर बल दिया जा रहा हैै। इसके साथ ही थर्मल पावर प्लांट, स्वच्छ ईंधन और इलेक्ट्रिक गतिशीलता, सार्वजनिक परिवहन प्रबंधन, सड़क यातायात प्रबंधन, हरियाली और पौधारोपण के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने के उपायों पर भी कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा औद्योगिक कचरे को जलाने, स्वच्छ ईंधन में परिवर्तन, विद्युत गतिशीलता और जनरेटर सेट के सीमित उपयोग को नियंत्रण किया गया है। कार्यशाला में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. के. सिंह, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक मुकुल कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

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