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विदेश मंत्री ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भारत की ओर से सहायता का दिया आश्वासन

कोलंबो: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar ) सोमवार को श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ( Gotabaya Rajapaksa) और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ( Mahinda Rajapaksa) से मुलाकात की और उन्हें भारत की ओर से सहयोग जारी रहने का आश्वासन दिया। श्रीलंका वर्तमान में अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विदेशी विनिमय की कमी के कारण श्रीलंका एक बड़े आर्थिक और ऊर्जा संकट से गुजर रहा है।

भारत ने हाल में श्रीलंका को एक अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी। जयशंकर यहां देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता और सात सदस्यीय बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए हैं।

राष्ट्रपति गोटबाया से बातचीत में जयशंकर ने दोनों देशों के बीच करीबी संबंधों के विभिन्न आयामों की समीक्षा की। उन्होंने ट्वीट किया, “श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे करीबी संबंधों के विभिन्न आयामों की समीक्षा की। भारत के सहयोग और समझ को जारी रखने का आश्वासन दिया।” राष्ट्रपति गोटबाया ने ऋण देने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री महिंदा के साथ बैठक के दौरान जयशंकर ने भारत द्वारा निर्मित जाफना सांस्कृतिक केंद्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री राजपक्षे का धन्यवाद। हमारी बातचीत के बाद कुछ उल्लेखनीय काम किये गए: 1. बौद्ध संस्कृति और धरोहर के समर्थन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। 2. ‘जयपुर फुट’ लगाने पर जाफना में आयोजित हुए शिविर का डिजिटल माध्यम से दौरा किया।”

जयपुर फुट एक रबर आधारित ‘प्रोस्थेटिक’ पैर है जो उन व्यक्तियों के काम आता है जो घुटने के नीचे विकलांग होते हैं। इसे 1968 में पंडित रामचंद्र शर्मा और ऑर्थोपेडिक सर्जन पी के सेठी ने विकसित किया था। जयशंकर ने युवा और खेल मंत्री नमल राजपक्षे के साथ भारत की सूचना तकनीकी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कार्यालय का भी दौरा किया।

इससे पहले भारत के विदेश मंत्री ने वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे से मुलाकात की और द्वीपीय राष्ट्र की आर्थिक स्थिति तथा वर्तमान विदेशी विनिमय संकट के दौरान भारत द्वारा दी गई सहायता पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट किया, “वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के साथ मुलाकात कर दौरे की शुरुआत की। आर्थिक स्थिति पर भारत की सहायता पर चर्चा की। हम पड़ोसी प्रथम की नीति पर चल रहे हैं।”

जयशंकर का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब संकट से निपटने में श्रीलंका सरकार की नाकामी के विरुद्ध लोग खुलकर बोल रहे हैं। जयशंकर मुख्य रूप से बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हैं लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वह श्रीलंका के नेताओं के साथ सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता में भाग लेंगे।

बिम्सटेक में भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। श्रीलंका, ‘बंगाल की खाड़ी बहुपक्षीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल’ (बिम्सटेक) समूह का वर्तमान अध्यक्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को डिजिटल माध्यम से इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

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