बिहारराज्य

बच्चों की मदद ट्रेनों में मोबाइल चुराने वाली पांच महिलाएं गिरफ्तार

पटना : रेलवे पुलिस (GRP) ने ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल चुराने वाली पांच सदस्‍यीय महिला गिरोह को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। पटना-गया रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेनों में बच्चों का इस्तेमाल कर मोबाइल चोरी करने वाले पश्चिम बंगाल के महिला गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह की पांच महिलाओं को रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से चोरी के 11 मोबाइल बरामद किये गये है। गिरोह में एक नाबालिग भी शामिल है।

जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे पुलिस ने ट्रेनों में बच्चों की मदद से यात्रियों का मोबाइल चुराने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है। सभी एक ही गिरोह की सदस्य हैं और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग जिले की रहने वाली हैं। आरोपित महिलाएं पटना-गया मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों में वारदात को अंजाम देती थीं। शक ना हो इसके लिए वे नौ से 12 वर्ष के बच्चों को अपने साथ रखती। आरोपितों के पास से चोरी के 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस गिरोह की अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी में जुट गई है।

इस संबंध में रेल पुलिस अधीक्षक अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि पटना-गया रेल खंड पर ट्रेनों में आए दिन मोबाइल चोरी की घटनाओं के मद्देनजर रेल पुलिस उपाधीक्षक, गया को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। रेल पुलिस की टीम ने 17 मई को जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या-एक पर आई पेसेंजर ट्रेन में छानबीन शुरू की। इसी दौरान बच्चे के साथ महिला चोर सोमारी सिंह को पकड़ा गया। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल की पुरुलिया की रहने वाली है। तलाशी में उसके पास से चोरी के दो मोबाइल फोन मिले।
पूछताछ में आरोपिता ने बताया कि गिरोह की अन्य महिला सदस्य चाकंद रेलवे स्टेशन के समीप रहती हैं। इसके बाद चार अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से नौ और मोबाइल बरामद किए गए। गिरफ्तार अन्य महिलाओं की पहचान पुरुलिया निवासी मीरा सिंह, राधा सिंह, आसनसोल की सावित्री देवी और वर्द्धमान निवासी जमुना सिंह के रूप में हुई।

रेल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला गिरोह करीब तीन वर्ष से सक्रिय था। वे चोरी के मोबाइल पश्चिम बंगाल में खपाती थीं। उन्होंने गिरोह में नाबालिग बच्चों को शामिल कर रखा था। महिलाएं बच्चों के साथ यात्रियों की भीड़ में घुस जाती थीं। इसी दौरान प्रशिक्षित बच्चे यात्रियों का मोबाइल उड़ा लेते थे। शक न हो और पकड़े जाने पर लोग तरस खाकर उन्हें छोड़ दें इसलिए गिरोह चोरी में बच्चों की मदद लेता था। आरोपितों ने अब तक कितनी वारदात की है व गिरोह में कितनी महिलाएं शामिल हैं, पुलिस इसका पता लगा रही है।

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