जयपुर : राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि भारतीय संविधान भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत है। संविधान सांस्कृतिक ग्रंथ है और इसके बारे में सभी को समुचित जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जब राज्यपाल के रूप में राजस्थान आए तब इस बात को अनुभूत किया कि संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के बारे में बहुत अधिक जानकारी लोगों को नहीं है। इसे महसूस करते हुए ही संविधान—संस्कृति के प्रसार के लिए राजस्थान से पहल प्रारम्भ की गयी।
राज्यपाल मिश्र ने बुधवार को राजभवन में संस्कृति युवा संस्था द्वारा ‘संविधान को पढ़ो और जिओ’ अभियान की शुरुआत करते हुए यह बात कही। उन्होंने संस्कृति युवा संस्था द्वारा दो लाख की संख्या में मुद्रित ‘संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्य’ संदेश का लोकार्पण भी किया। उन्होंने संविधान के प्रति जागरूकता के लिए चलाए जाने वाले अभियान के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च विधान है। इसके अर्थ की गहराई को समझे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता क्या है, इसको भी व्यापक अर्थ में समझने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राजभवन में संविधान उद्यान निर्माण के पीछे मंशा यही रही है कि संविधान की मूल प्रति और इसकी धाराओं को सहज, सरल ढंग में प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति शांतिनिकेतन के सुप्रसिद्ध कलाकार नंदलाल बोस और उनके साथी कलाकारों ने तैयार की। इसमें राजस्थान के स्व. कृपाल सिंह शेखावत जी का भी महती योगदान रहा।
उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश, यज्ञ, नटराज आदि का अंकन भारतीय संस्कृति से जुड़े आदर्श का अंकन है। उन्होंने संविधान के आदर्शों को आत्मसात कर अधिकाधिक प्रसार के लिए सभी को कार्य करने का आह्वान किया।
संस्कृति युवा संस्था के पंडित सुरेश मिश्रा ने बताया कि संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों की पालना की सीख के लिए संविधान जागरूकता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत दो लाख प्रतियों में राज्यपाल मिश्र के संदेश के साथ संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का प्रकाशन किया गया है। इसे ‘संविधान को पढ़ो और जिओ’ अभियान रूप में घर—घर जाकर प्रसारित किया जाएगा। इससे पहले संस्कृति युवा संस्था के पदाधिकारियों, सदस्यों और अन्य गणमान्य जनों ने राजभवन में संविधान उद्यान का अवलोकन किया।
उन्होंने संविधान के साकार रूप में उद्यान निर्माण की पहल की सराहना की। बाद में सभी ने संविधान उद्यान और इसके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किए लोकार्पण से जुड़े वृत्तचित्र का भी अवलोकन किया।