ज्ञान भंडार

हरतालिका तीज, विश्वकर्मा पूजा और चौरचन का एक ही दिन होना है विशेष संयोग

नई दिल्ली : इस बार विश्वकर्मा पूजा, हरतालिका तीज और चौठचंद जिसे चौरचन भी कहा जाता है, ये तीनों पर्व एक ही दिन मनाए जाएंगे. यह एक विशेष संयोग है या और कुछ? विश्वकर्मा पूजा तो हर साल 17 सितंबर को ही होती थी, लेकिन इस बार 18 सितंबर को होगी. इस पर क्या कहती है ज्योतिष गणना? क्या होगी पूजा की विधि. अंग्रेजी तारीख से इसका कुछ लेना देना नहीं है. यह संक्रांति के अनुसार मनाई जाती है.

इस बार विश्वकर्मा पूजा, हरतालिका तीज और चौरचन व्रत तीनों एक ही दिन 18 सितंबर को मनाए जाएंगे. एक विशेष संयोग है कि तीनों पर्व एक ही दिन पड़े. कुछ लोगों के मन में उलझन है कि विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को होती थी, लेकिन इस बार 18 सितंबर कैसे हो गई. बता दें कि किसी भी सनातनी पर्व, त्योहार का अंग्रेजी तारीख से कोई लेना-देना नहीं होता. यह संक्रांति के अनुसार मनाई जाती है. इस वर्ष संक्रांति 18 सितंबर को है. इसलिए विश्वकर्मा पूजा इस बार 18 सितंबर को की जाएगी.

जानें शुभ मुहूर्त

पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो उसमें विश्वकर्मा पूजा अधपहरा के बाद दिन में की जाएगी. चौथ चंद्र जिसे चौरचन भी कहते हैं, चंद्रमा के उदय होते ही दही या कोई फल लेकर इसकी पूजा की जाएगी. वहीं तीज में पूरी रात्रि जाकर भजन कीर्तन विवाहित महिलाएं करती हैं, अगले दिन सुबह में विसर्जन होता है.

Related Articles

Back to top button