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हिमाचलः प्रियंका गांधी ने निभाई अहम भूमिका, एकजुटता-प्रभावी मुद्दों से जीती जंग

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश में जनता ने रिवाज को कायम रखते हुए एक बार फिर सरकार बदल दी। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ जल्द सरकार का गठन करेगी। पार्टी को यह जीत दिलाने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने पूरी मजबूती के साथ भाजपा के आक्रामक प्रचार का जवाब दिया और लोकसभा में हार के बाद पहली जीत दिलाई।

प्रियंका गांधी ने ऐसे वक्त में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला जब पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त थे। प्रियंका गांधी ने शिमला में रुककर चुनाव प्रचार की निगरानी की और खुद करीब आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित किया और कई रोड शो भी किए। चुनाव के ऐलान के साथ उन्होंने परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली शुरू कर दी। उन्होंने पहली रैली में भाजपा के खिलाफ जो मोर्चा खोला, वह आखिर तक चला। उनका यह प्रचार पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। पार्टी को जीत हासिल हुई।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कई सवाल उठने लगे थे, क्योंकि वह प्रदेश की प्रभारी महासचिव थी। इस जीत ने सवाल उठाने वालों को जवाब दे दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, इस जीत से पार्टी में प्रियंका वाड्रा का कद और बढ़ा है।

हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जीत का सिर्फ रिवाज नहीं कहा जा सकता। ऐसा होता, तो उत्तराखंड और केरल में भी इस वक्त कांग्रेस की सरकार होती। वर्ष 2019 के बाद कांग्रेस को इस पहली जीत में कई सबक छिपे हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 69 वोट मिले थे। ऐसे में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के रिवाज के बावजूद यह लड़ाई आसान नहीं थी।

कांग्रेस ने मतदाताओं को यकीन दिलाने के लिए हर घर लक्ष्मी अभियान को चुना। पार्टी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर योजना के लिए फॉर्म भरवाए। इसके बाद पार्टी दफ्तर से उन्हें फोन कर बताया गया कि फॉर्म मिल गया है और सरकार के गठन के बाद उन्हें योजना का लाभ जरूर मिलेगा। इससे भी लोगों में वादों के प्रति भरोसा बढ़ा। हर घर लक्ष्मी अभियान के तहत महिलाओं को हर माह 1500 रुपये देने का वादा किया है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा की स्टार प्रचारक की छवि के जरिए पार्टी की महिलाओं का भरोसा जीतना चाहती है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा है। इन चुनाव में 68 फीसदी महिलाओं और 64 प्रतिशत पुरुषों ने वोट किया था।

ये रणनीति अपनाई

  1. चुनावी वादों और सरकार की विफलताओं को घर-घर पहुंचाने के लिए टीम तैयार की।
  2. प्रचार के दौरान नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करने से परहेज किया।
  3. केंद्रीय प्रचारकों ने यकीन दिलाया कि घोषणापत्र के इन वादों को पूरा किया जाएगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में जीत दिलवाने में पुरानी पेंशन योजना की बहुत बड़ी भूमिका थी। प्रचार अभियान, प्रबंधन अच्छा रहा। प्रियंका गांधी खुद प्रचार करने पहुंचीं।

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