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संजीव जीवा की हत्या के बाद एक्शन में CM योगी, SIT गठित कर दिए जांच के निर्देश

Sanjeev Jeeva murder: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव माहेश्वरी जीवा की बुधवार को लखनऊ के सिविल कोर्ट में बदमाशों ने गोलीमार कर हत्या कर दी। इस हत्या के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए है। उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिए एसआईटी (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। इस SIT में 3 सदस्य होंगे। जिन्हें सीएम ने जांच करने के निर्देश दिए और इस जांच को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है।

बता दें कि, सीएम योगी के निर्देश के मुताबिक 3 सदस्यों की SIT का गठन किया जाएगा। इसमें एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, आईपीएस नीलाब्जा चौधरी और अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार होंगे। दरअसल, इस हत्या के तुरंत बाद अदालत परिसर पहुंचे लखनऊ के पुलिस आयुक्त एसबी शिरोडकर ने कहा, ‘‘लखनऊ जेल में बंद संजीव माहेश्वरी जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था, जहां हमलावर की ओर से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।’’ उन्होंने बताया कि हमलावर अधिवक्ताओं की पोशाक पहनकर आए थे।

संजीव जीवा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में खौफ था। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया। गैंगस्टर संजीव जीवा को मुख्तार अंसारी गिरोह का सदस्य माना जाता था। वह बीजेपी एक नेता की हत्या का आरोपी था। संजीव जीवा का कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी नाम आया था। हालांकि, इस मामले में 2005 में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। इनमें से 17 मामलों में वह बरी हो चुका था। वो काफी समय से जेल में था, उस पर जेल से गैंग चलाने के भी आरोप लगते रहते थे।

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