अमेरिकी के साथ युद्धाभ्यास करेगा भारत, भारतीय सेना दिखाएगी दुनिया को अपनी ताकत
वाशिंटन : भारत और अमेरिका की सेनाएं आज से अलास्का में दो सप्ताह का युद्धाभ्यास करने जा रही हैं, जिसमें कई जटिल अभ्यास शामिल होंगे। भारतीय सेना और अमेरिकी सेना द्वारा किए जा रहे युद्धाभ्यास 23 नाम दिया गया है। इसमें युद्ध के दौरान सैन्य कार्रवाइयों और जटिल ड्रिल से लेकर सैन्य-अकादमिक परिचर्चाएं भी होंगी। माना जा रहा है कि भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती वैश्विक रणनीतिक भागीदारी को यह सैन्य अभ्यास नई तेजी देगा। नई दिल्ली के हिंडन एयरबस पर आज एक समारोह का आयोजन होगा। यहां राजनाथ सिंह सी295 विमान भारतीय वायुसेना में शामिल करेगें। वायुसेना अधिकारियों ने हाल ही में इसकी जानकारी दी थी। इस दौरान करीब 56 विमान भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।
दोनों के बीच सालाना युद्धाभ्यास का यह 19वां संस्करण है। पिछले संस्करण का आयोजन बीते वर्ष नवंबर में उत्तराखंड के औली में हुआ था। इस बार इसमें शामिल होने के लिए भारतीय सेना के 350 सैनिकों का दल अलास्का के फोर्ट वेनराइट पहुंच चुका है। मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट इस अभ्यास में भारत की नेतृत्वकर्ता बटालियन होगी। वहीं, अमेरिका की ओर से फर्स्ट ब्रिगेड कॉम्बेट टीम की 1-24 इन्फेंट्री बटालियन शामिल होगी। युद्धाभ्यास की थीम ‘पर्वत व चरम मौसम के हालात में संयुक्त सैनिक समूह की तैनाती’ रखी गई।
सैन्य ड्रिल की श्रेष्ठ पद्धतियों और दृष्टिकोण को एक-दूसरे के सामने रखा जाएगा। सैन्य कौशल, युद्ध से जुड़ी इंजीनियरिंग, लड़ाकू कार्रवाइयों के दौरान बाधाएं हटाने और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से युद्ध के तौर तरीके भी आपस में साझा होंगे। हेलिकॉप्टर या विमानों से सैन्य कार्रवाईयों में सैनिक उतारने व सैन्य ताकत बढ़ाने की क्षमताएं परखी जाएंगी।
ऊंचे स्थलों और चरम मौसम के हालात में सैन्य कार्रवाई के दौरान रसद सामग्री की जरूरतों, हताहत सैनिकों के लिए प्रबंधन, बचाव अभियानों, युद्ध के समय चिकित्सा सहायता पहुंचाने व अन्य पहलुओं का भी परीक्षण होगा। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे से कई चीजों सीखेंगी, यह आपसी संबंध को और मजबूत करेगा।