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इजरायल Diamond के अकूत भंडार पर बैठा है, भारत से दोस्ती का ये है राज!

नईदिल्ली : इजरायल और हमास के बीच जंग अब और भी बढ़ गई है. अब इस युद्ध में हिजबुल्लाह समेत अन्य की भी एंट्री हो चुकी है और इजरायल न केवल गाजा पट्टी में हमास को, बल्कि लेबनान में हिजबुल्लाह (Hizbullah) के ठिकानों पर भी जबरदस्त अटैक कर रहा है. क्षेत्रफल की दृष्टि से बेहद छोटा देश होने के बावजूद इजरायल की ताकत के लिए इसकी इकोनॉमी और आर्थिक स्थिति दुरुस्त होना अहम है. भारत समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों के साथ इसकी व्यापारिक हिस्सेदारी है. हालांकि, निर्यात से इकोनॉमी को मिलने वाली मजबूती का बड़ा रोल है. इसमें हीरा का एक्सपोर्ट बड़ी मात्रा में किया जाता है, दूसरे शब्दों में कहें तो इजरायल हीरे के खजाने पर बैठा है और कई देशों में इसके निर्यात से मोटी रकम जुटाता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, हीरे यानी Diamond, इजराइल के लिए एक महत्वपूर्ण एक्सपोर्ट प्रोडक्ट हैं, जो देश के कुल निर्यात का करीब 25 फीसदी हिस्सा हैं. Israel पॉलिश किए गए हीरों के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है और कच्चे हीरों के व्यापार का एक प्रमुख केंद्र भी है. वैश्विक कच्चे हीरे के उत्पादन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा हर साल इजराइल डायमंड एक्सचेंज में आयात किया जाता है, जहां से इसे पॉलिश करके ग्लोबली एक्सपोर्ट किया जाता है. देश में ये कारोबार इतना बड़ा है कि साल 2020 में इजरायल ने 7.5 अरब डॉलर के हीरों का एक्सपोर्ट किया था और दुनिया का छठा सबसे बड़ा डायमंड एक्सपोर्टर बनकर उभरा था.

बीते 40 सालों में स्थानीय डिमांड ने इजरायली बिजनेस इंडस्ट्री में रॉकेट की रफ्तार से ग्रोथ की है. जिस तेजी के साथ देश की जनसंख्या में इजाफा हुआ है और जीवन स्तर में सुधार देखने को मिला है, उसी तेजी से इजरायल ने हर सेक्टर में व्यापार का स्तर बढ़ाने में सफलता पाई है. इजरायली एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य परिष्कृत उपकरणों की वैश्विक मांग ने इंडस्ट्रियल ग्रोथ में उछाल लाने का काम किया है. इसके अलावा देश की सरकार द्वारा बनाई गई पॉलिसियां भी औद्योगिक विकास में बड़ी भूमिका निभा रही हैं. दरअसल, सरकार अपने विकास बजट से कम दर पर लोन देकर इंडस्ट्रियल ग्रोथ में मदद कर रही है.

इजरायली एक्सपोर्ट के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें, तो हीरे के निर्यात का आंकड़ा 9.06 अरब डॉलर, इंटीग्रेटेड सर्किट का निर्यात 5.09 अरब डॉलर, रिफाइंड पेट्रोलियम का 2.73 अरब डॉलर, मेडिकल उपकरण का 2.36 अरब डॉलर और अन्य माप उपकरण का निर्यात 2.32 अरब डॉलर का शामिल है. इस बीच इजरायल से भारत को किए गए प्रमुख निर्यात में हीरे के अलावा मोती-कीमती पत्थर, रासायनिक और खनिज/उर्वरक उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, पेट्रोलियम तेल, रक्षा, मशीनरी और परिवहन उपकरण हैं.

भारत (India) इजराइल से कच्चे हीरे का आयात ज्यादा करता है, जो पॉलिश किए गए हीरों के लिए दुनिया के प्रमुख केंद्रों में से एक बना हुआ है. इसका मतलब है कि भारत में कटिंग और पॉलिशिंग उद्योग के लिए कच्चा माल इजरायल से ही हासिल होता है और देश इजरायल का इस मामले में बड़ा बिजनेस पार्टनर है.इजरायल की प्राकृतिक हीरे (Natural Diamond) को काटने और पॉलिश करने में 90 फीसदी के करीब वैश्विक बाजार हिस्सेदारी है. इसके अलावा इजरायल ताजा खट्टे फलों का बड़ा उत्पादक और प्रमुख निर्यातकों में से एक है. वहां से एक्सपोर्ट किए जाने वाले इन फलों में संतरे, अंगूर, कीनू, अंगूर और पोमेलो शामिल हैं.

Israel के इतने अमीर और स्वस्थ देश होने के पीछे भी व्यापार ही है. रिपोर्ट की मानें तो इजरायल रिसर्च और ग्रोथ की दिशा में बड़ा इन्वेस्टमेंट करता है और यही कारण है कि आज एयरोस्पेस, अत्याधुनिक रक्षा उपकरण, वैज्ञानिक उपकरणों जैसी श्रेणियों में उच्च तकनीकी उत्पादों के निर्यात में एक प्रमुख शक्ति माना जाता है. इस सेक्टर में इजरायल के एक्सपोर्ट डाटा पर नजर डालें तो आज उनका निर्यात लगभग 17 बिलियन डॉलर है, जो देश के कुल निर्यात का लगभग 1/3 है.

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