जानें दिल्ली में अगले आने वाले चार-पांच दिनों में कैसा रहेगा मौसम
नई दिल्लीः दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले चार से पांच दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है, जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे रहा है।
आईएमडी के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है।
यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी। केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था, जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया।
मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में नौ अप्रैल और चार मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ एक दिन, 2020 में चार दिन और 2019 में भी एक दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है।