मेडिकल कालेजों की तरह प्रदेश सरकार अब आयुर्वेद कालेज की संख्या भी बढ़ाने जा रही, खुलेंगे आयुर्वेद कालेज
भोपाल : मेडिकल कालेजों की तरह प्रदेश सरकार अब आयुर्वेद कालेज की संख्या भी बढ़ाने जा रही है। मंडला, खजुराहो, धार और बालाघाट में कालेज शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कर चुके हैं। इसी वर्ष इन कालेजों का निर्माण शुरू होगा। आयुष संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2027-28 से इन कालेजों में प्रवेश शुरू करने की तैयारी है। इनके अतिरिक्त सागर, शुजालपुर, झाबुआ, शहडोल, नर्मदापुरम, श्योपुर और मुरैना में भी कालेज शुरू किए जाएंगे।
जिला अस्पतालों का 30 बिस्तर के अस्पताल में उन्नयन कर शुरू में कालेज संचालित किए जाएंगे। बाद में कालेजों का अलग से अस्पताल बनाया जाएगा। इन कालेजों में कुछ में 60 और कुछ में 100 सीटें रहेंगी। नए कालेज शुरू करने के लिए आयुक्त आयुष सोनाली पोंछे वायंगणकर ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुगम स्थान पर पांच एकड़ भूमि आंवटित करने के लिए कहा है। प्रदेश में वर्तमान में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, बुरहानपुर और रीवा मिलाकर छह कालेज हैं। सभी जगह मिलाकर 600 सीटें हैं। 11 और कालेज शुरू होने से 600 से 1100 सीटें बढ़ जाएंगी। इससे प्रदेश को डाक्टर तो मिलेंगे ही, कालेजों को फैकल्टी मिल सकेंगे। आगे चलकर एमडी-एमएस और शोध को बढ़ावा मिलेगा। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा.राकेश पाण्डेय ने कहा कि नए कालेज खुलने से जहां बीएएमएस की 1100 सीटें बढ़ जाएंगी, वहीं एमडी-एमएस की सीटें भी बढ़ सकेंगी।
प्रदेश में अभी सात सरकारी आयुर्वेदिक कालेज हैं। इनमें आखिरी कालेज वर्ष 1995 में भोपाल में पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज खुला था। यानी बीते 28 वर्ष से प्रदेश में एक भी आयुर्वेद कालेज नहीं खुला। उधर, एलोपैथी मेडिकल कालेज पिछले 10 वर्ष में आठ खुल चुके हैं, जबकि 17 अन्य स्वीकृत हैं। अगले पांच वर्ष में सभी में प्रवेश शुरू हो जाएगा।