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मोदी सरकार ने किया एयरफोर्स रेग्युलेशन में बड़ा संशोधन, अब एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल भी बन सकेंगे CDS

नई दिल्ली. दोपहर की एक अन्य बड़ी खबर के अनुसार, अब केंद्र सरकार (Central Goverment) जरूरत और मौका पड़ने पर वायुसेना में काम कर रहे या फिर रिटायर हो चुके एयर मार्शल-एयर चीफ मार्शल को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)बना सकती है। हालाँकि इसके लिए कैंडिडेट की उम्र 62 साल से ज्यादा न हो।

हालांकि, सरकार चाहे तो CDS का कार्यकाल 65 साल की उम्र तक बढ़ाया भी जा सकता है। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने बीते सोमवार को एयरफोर्स एक्ट 1950 के सेक्शन 190 के तहत एयरफोर्स रेग्युलेशन 1964 में एक जरुरी संशोधन किया है। यही नहीं अब इसका बाकायदा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

वहीं इस गजट नोटिफिकेशन अब एयरफोर्स (संशोधन) रेग्युलेशन 2022 के नाम से भी जाना जाएगा। साथ ही इसे 1964 के एयरफोर्स रेग्युलेशन के 213A प्रावधान हटाकर इसमें 213AB भी जोड़ा गया है।

वैसे तो रिटायर्ड थ्री स्टार जनरल में से भी कोई CDS बन सकता है। दरअसल, थ्री स्टार जनरल का मतलब उन अधिकारियों से है, जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए हों। वहीं चीफ के पद से रिटायर होने वाले फोर स्टार ऑफिसर होते हैं।

बता दें कि, एक CDS की एक अहम जिम्मेदारी यह होती है कि वह आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को पुनर्गठित करें। गौरतलब है कि बीते 8 दिसंबर को तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट हुई दुर्घटना में देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत और 13 दूसरे लोगों की मौत हो गई थी।

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