हरियाणा

मंकी पाक्‍स विदेशों में तेजी से फैल रहा, हरियाणा में 21 देशों से आने वाले लोगों पर विशेष नजर

नई दिल्ली ; कोरोना महामारी के बाद अब मंकी पाक्‍स वायरस के मामले विदेशों में तेजी से फैल रहे हैं। कई देशों में मंकी पाक्‍स मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, हरियाणा में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। हरियाणा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 21 देशों से लौटने वाले यात्रियों पर नजर रहेगी। अगर कोई लक्षण मिलता है तो तुंरत जांच करवाई जाए। हरियाणा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने मंकी पाक्‍स वायरस को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। 21 देशों से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। अगर किसी व्यक्ति में बीमारी से संबंधित लक्षण मिलते हैं तो उसकी स्वास्थ्य की जांच को लेकर पंचकूला स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी जाएगी। सैंपल लेकर पूणे की एनआइ लैब में भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने तक संबंधित व्यक्ति को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा, ताकि दूसरे लोगों से संपर्क न हो। विभाग की तरफ से इस बीमारी को लेकर टीमें भी गठित कर दी गई हैं।

मंकी पाक्स के अब तक दस देशों में केस सामने आ चुके हैं। इनमें अफ्रीका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया, यूरोप, बेल्जियम, यूके, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका में इस बीमारी के केस मिल चुके हैं। यहां से वापस लौटने वाले युवाओं पर नजर रखी जा रही है। जिले के कैथल, सीवन, गुहला व पूंडरी खंड के कई गांव से सैंकड़ों की संख्या में लोग विदेश गए हुए हैं। कैथल के सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि मंकी पाक्स को लेकर सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इस बीमारी को लेकर सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया है।

मंकीपाक्स के संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती शामिल हैं। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।

मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है।

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