उत्तर प्रदेशराज्य

अब यूपी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध में लगाम लगाने के लिए मॉनसून सत्र के अंतिम दिन दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनि मत से पारित हो गया है। इसके अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों को अग्रिम नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत। यूपी विधानसभा से मॉनसून सत्र में शुक्रवार को दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनि मत से पारित हो गया है। अब दुष्कर्म व प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पाक्सो) के मामलों में आरोपित को अग्रिम जमानत नहीं हासिल हो सकेगी।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने शुक्रवार को सदन में दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 पारित करने का प्रस्ताव रखा। विधेयक के पक्ष में सत्ताधारी सदस्यों के बहुमत की वजह से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे पारित करने की घोषणा की।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि महिलाओं के विरूद्ध बलात्कार और बच्चों के विरूद्ध यौन हमलों के घृणित अपराधों के प्रति वर्तमान कानून को और अधिक कठोर करने की आवश्यकता के ²ष्टिगत उन्होंने दुष्कर्म एवं पाक्सों एक्ट में कठोर कार्रवाही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इससे सम्बन्धित अपराध की धाराओं में संशोधन कर ऐसे अपराधों में लिप्त अपराधियों की अग्रिम जमानत की व्यवस्था को समाप्त किये जाने की कार्यवाही की गयी है।

सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018 में संशोधन के माध्यम से पाक्सो अधिनियम 2012 और इसमें दुष्कर्म की धाराओं को सम्मिलित करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 के माध्यम से कार्रवाई की गई है।

Related Articles

Back to top button