नई दिल्ली : देश में कैंसर के रोगियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण और इसके उपचार के दायरे को बढ़ाने के केन्द्र सरकार के उपायों को गति प्रदान करने में पंजाब के बाद अब पूर्वोत्तर में असम ने सक्रियता दिखाई है। संसद की एक स्थायी समिति ने कैंसर के उपचार में परमाणु ऊर्जा विभाग की व्यापक भूमिका से संबंधित रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
उत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले कुछ सालों के दौरान कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार ने कैंसर उपचार का नेटवर्क व्यापक करते हुए मुंबई स्थित टाटा स्मारक केन्द्र के साथ मिलकर संचालित किये जा रहे राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) का दायरा बढ़ाया है। इसके तहत राज्य और जिला स्तर पर बनने वाले हब एंड स्पाॅक मॉडल के दायरे में असम के 17 अस्पतालों का बहुस्तरीय नेटवर्क बनाया गया है। ग्रिड के अंतर्गत असम में संचालित राज्य कैंसर संस्थान इन सभी 17 अस्पतालों में कैंसर उपचार की सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की निगरानी करेगा।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा संसद के पिछले सत्र में पेश रिपोर्ट के अनुसार अभी पंजाब एकमात्र राज्य है जिसमें हब एंड स्पॉक मॉडल पूरी तरह प्रचलन में है। परमाणु ऊर्जा विभाग और टाटा स्मारक केन्द्र द्वारा संचालित एनसीजी के अंतर्गत कैंसर रोगियों को उनके शहर के आसपास ही कैंसर की पहचान, शुरुआती सामान्य इलाज और कम जटिल श्रेणी की देखभाल सुविधा मुहैया कराने के लिये स्थानीय स्तर पर हब बनाये गये हैं। इसके समानांतर जटिल एवं उच्च गुणवत्ता वाले इलाज के लिये राज्य स्तर पर बनाये गये उपचार केन्द्र को ‘स्पॉक’ कहा जाता है।