उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

बच्चों के लिए सुरक्षित व सुखमय विश्व व्यवस्था बनाना ही हमारा मकसद

अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारे मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने की घोषणा

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 24वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ में पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व प्रख्यात हस्तियों ने एक स्वर से घोषणा की है कि बच्चों के लिए सुरक्षित व सुखमय विश्व व्यवस्था बनाना ही हमारा मकसद है और इसी उद्देश्य हेतु हम यहाँ एकत्रित हुए हैं। हैती के पूर्व प्रधानमंत्री जीन-हेनरी सेन्ट ने कहा कि मानवजाति भयभीत एवं सशंकित हैं क्योंकि आतंकवाद, युद्ध एवं परमाणु युद्ध के खतरे हमारे सामने हैं। ऐसे में सभी राष्ट्राध्यक्षों का कर्तव्य है कि वे अपना पूरा प्रयास हालात सुधारने में करें और भविष्य में इन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास करें। मैं डॉ.जगदीश गाँधी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जो विश्व के बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य के लिए विगत कई वर्षों से इस सम्मेलन को आयोजित कर रहे हैं।

सम्मेलन के चौथे दिन विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद्दों व कानूनविद्दोंने विभिन्न पैरालल सेशन्स में गहन विचार विमर्श किया। ‘इन्फोर्सेबल वर्ल्ड लॉ’ थीम पर आधारित पैरालल सेशन में बोलतेसभी ने आम राय से कहा की कहा कि जो देश संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा नहीं है उनके हित भी महत्वपूर्ण हैं। ज्यादा से ज्यादा भागीदारी संयुक्त राष्ट्र को अधिक प्रभावी बनाएगी। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में बदलाव करके सभी देशों की भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र में देशों की समानता से ही विश्व की समस्याओं का समाधान सम्भव है। मुख्य न्यायाधीशों के विचारों का निचोड़ प्रस्तुत करते हुए सम्मेलन के संयोजक डा.जगदीश गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापक, सीएमएस ने बताया कि लगभग सभी मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाशीशों व कानूनविदों की आम राय रही कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(सी) विश्व की समस्याओं का एक मात्र समाधान है। इस ऐतिहासिक सम्मेलन का समापन सत्र सायं सम्पन्न हुआ। इस अवसर प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में रंगारंग साँस्कृतिक संध्या का उद्घाटन मुख्य अतिथि सुरेश खन्ना, वित्तमंत्री, उ.प्र. ने किया। श्री खन्ना ने विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद्दों व कानूनविद्दों से मुलाकात की एवं भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य हेतु सी.एम.एस. के प्रयासों को सराहा।

Related Articles

Back to top button