अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी राष्ट्रपति को पीएम मोदी ने दिया ‘सहस्र चंद्र दर्शन’ वाला गिफ्ट, उम्र से है खास कनेक्शन

वॉशिंगटन : अमेरिका दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने शानदार तरीके से स्वागत किया। दोनों ने ही प्रधानमंत्री को तोहफे दिए तो वहीं पीएम मोदी भी भारत से राष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी के लिए बेहद खास गिफ्ट लेकर गए थे। उन्होंने उन दोनों को ही उपहार भेंट किए। पीएम मोदी ने जो बाइडेन को अंग्रेजी पोएट डब्लूबी यीट्स की अनुवाद पुस्तक का पहला एडिशन भेंट किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने एक अन्य उपहार भी दिया जिसका जो बाइडेन की उम्र के साथ खास कनेक्शन है। दरअसल जो बाइडेन 80 साल के पूरे हो चुके हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने उन्हें सहस्र चंद्र दर्शन से जुड़ा उपहार भेंट किया। बता दें कि जब कोई शख्स 1 हजार पूर्णिमा देख लेता है तो उसे सहस्र चंद्र दर्शन कहा जाता है।

सहस्र चंद्र दर्शनम का अर्थ है 1000 पूर्ण चंद्रमाओं को देखना। आम तौर पर सतभिषेकम तब आयोजित किया जाता है, जब कोई व्यक्ति 1000 पूर्ण चंद्रमा को देख लेता है। ऐसा 80 साल 8 महीने बाद होता है। दरअसल, हर साल 12 पूर्ण चंद्रमा होते हैं तो इस हिसाब से 80 साल में कोई 960 पूर्ण चंद्रमा के दर्शन कर सकता है। लेकिन, हर 5 साल में 2 अतिरिक्त पूर्णिमा होती है, जिसे वे ब्लू मून कहते हैं। इस तरह 80 साल का व्यक्ति अपने जीवन में 992 पूर्ण चंद्रमा देख लेता है और 8 महीने में 8 पूर्ण चंद्रमा देखे लेगा तो 80 साल 8 महीने जीवित रहने पर कोई भी व्यक्ति 1000 पूर्ण चंद्रमा देख लेता है। बाइडेन का जन्म 20 नवंबर 1942 में हुआ था। इस हिसाब से वह 80 साल 7 महीने का हो गए हैं। अगले महीने 20 जुलाई तक वह 1000 पूर्ण चंद्रमाओं के दर्शन कर लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें चंदन की लकड़ी के डिब्बे में दस चीजें दी हैं जो कि सहस्र चंद्र दर्शनम की पूजा में इस्तेमाल होती हैं। ये सारे गिफ्ट मैसूर से मंगवाए गे चंदन की लकड़ी के डिब्बे में गए हैं। अंदर 10 चांदी की छोटी डिब्बियां हैं। इसके अलावा इस मौके पर भगवान गणेश की पूजा की परंपरा होती है इसलिए गणेश की मूर्ति और दीया भी दिया है।

पीएम मोदी ने जो बाइडेन को डब्लूबी यीट्स द्वारा अनूदित पुस्तक भेंट की है। बाइडेन के पसंदीदा कवियों में से यीट्स हैं और वह उनकी कविताओं को अकसर कोट किया करते थे। इसके अलावा यीट्स भारतीय दर्शन से जुड़े हुए थे। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ उनके संबंधों की वजह से ही उनकी गीतांजलि को पश्चिमी जगत में ख्याति मिली। यीट्स ने उपनिषद का श्री पुरोहित स्वामी के साथ मिलकर अुवाद किया था। 1930 में यह पुस्तक प्रकाशित की गई थी। इसके पहले एडिशन की कॉपी पीएम मोदी ने बाइडेन को दी है जिसका शीर्षक है, ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद्स।’

प्रधानमंत्री मोदी ने यूएस की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को 7,5 कैरेट का ग्रीन डायमंड दिया है। उधर से जिल बाइडेन ने पीएम मोदी को 20वीं सदी की शुरुआत की एक हस्तनिर्मित अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की है। इसके अलावा राष्ट्रपति बाइडेन ने उन्हें विंटेज अमेरिकी कैमरा दिया। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी को कलेक्टेड पोएम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट की एक हस्ताक्षरित फर्स्ट एडिशन कॉपी उपहार में दी।

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