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3 अगस्त 2020 को मनाया जायेगा रक्षाबंधन, सुबह 9:28 से रात 21:14 तक शुभ मुहूर्त

जीवनशैली : इस वर्ष यानि 2020 में रक्षाबंधन का त्यौहार तीन अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:28 बजे से रात 21:14 बजे तक है। लेकिन राखी बांधने के दोपहर 13:46 बजे से शाम 16:26 तक सबसे अधिक उपयुक्त समय है। इस दौरान प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 19:06 बजे से रात 21:14 बजे तक है। तथा पूर्णिमा तिथि का आरंभ दो अगस्त को रात्रि 21:28 बजे से होगा। और पूर्णिमा तिथि का समापन तीन अगस्त की रात्रि को 21:27 बजे होगा।

रक्षा बंधन के दिन भाई अपनी बहनों को भी कई प्रकार के गिफ्ट देते हैं। जिनमें आभूषण, कपड़े या अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भाई द्वारा अपनी बहनों को समय-समय पर गिफ्ट आदि देते रहना चाहिए। आज के समय में रक्षाबंधन पर्व बहन-भाई के प्यार का प्रतीक बन चुका है। या ऐसा कहा जा सकता है कि यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला त्यौहार है।

एक ओर भाई अपनी बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर और रक्षा सूत्र भाई की कलाई में बांधती है। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती है वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होती बल्कि वह बहन-भाई के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन और रक्षा पोटली जैसी शक्ति भी उस साधारण से नजर आने वाले धागे में समहित होती है।

प्राचीन समय में देवताओं और राक्षसों में लगातार 12 साल तक युद्ध होता रहा। जिसके बाद राक्षसों ने देवताओं का हरा दिया और स्वर्ग समेत तीनों लोकों को अपने अधीन कर लिया। राक्षसों से हारने के बाद देवराज इंद्र देवताओं के गुरु बृहस्पति के पास के गए और सलाह मांगी। गुरु बृहस्पति ने इंद्र को मंत्रोच्चारण के साथ रक्षा विधान करने को कहा। सावन माह की पूर्णिमा के दिन गुरू बृहस्पति ने रक्षा विधान संस्कार आरंभ किया।

इस रक्षा विधान के दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजन के बाद इस पोटली को देवराज इंद्र की पत्नी शचि को दे दिया। इंद्र की पत्नी जिन्हें इंद्राणी भी कहा जाता है उन्होंने इस रक्षा पोटली को देवराज इंद्र के दाहिने हाथ पर बांधा। ऐसा बताया जाता है कि इस रक्षा पोटली की ताकत से ही देवराज इंद्र राक्षसों को हराने में कामयाब हुए और अपना खोया स्वर्ग लोक फिर से प्राप्त किया।

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