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मेडिसिन का काम करते हैं चटपटे मसाले

नई दिल्ली : जब बात मसालेदार खाने की आती है तो भारतीय व्यंजन सबसे पहले याद आते हैं। यहां बिना मसाले के खाने को रूखा सूखा माना जाता है। इतना ही नहीं जब मसाले की बात आती है तो सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का भी जिक्र होता है। इसमें मसालों के औषधीय गुणों को बताया गया है। जिसके फायदों को कोरोना काल के समय पूरी दुनिया ने माना है।

मसालेदार खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है या नहीं? आयुर्वेद पहले से ही मसालों को सेहतमंद मानते आया है। मसालों की मदद से कई तरह के रोगों को ठीक करने और इनसे बचाव करने का दावा पेश करते आया है। लेकिन मसालों को लेकर विज्ञान क्या कहता है? इस पक्ष से हम आज आपको रूबरू करवाएंगे। यदि आप मसालेदार खाना खाने के शौकिन हैं और इसके पक्ष में है तो विज्ञान आपके साथ है।
कई अध्ययनों से पता चलता है कि मसाले मेडिसिन का काम करते हैं। ऐसे में दालचीनी, हल्दी, लहसुन, अदरक, जीरा, साथ ही मिर्च जैसे मसाले को भोजन में डालकर बनाने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। हार्वर्ड एंड चाइना नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंश के द्वारा 2015 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सप्ताह में छह से सात दिन मसालेदार भोजन खाने से आपकी उम्र बढ़ सकती है। स्टडी में यह खुलासा हुआ कि मसालेदार खाना खाने से मृत्यु दर में 14 प्रतिशत की कमी आई है।

कई अध्ययनों के डेटा से संकेत मिलता है कि कुछ मसाले – जैसे जीरा, दालचीनी, हल्दी, काली मिर्च और मिर्च आपके मेटाबॉलिज्म के रेस्टिंग रेट को बढ़ाता है। मतलब कि जब आपका बॉडी आराम करते हुए कैलोरी को बर्न करता है। इससे कम भूख लगती है। और ओवरइंटिग से होने वाली परेशानियां भी नहीं होती है।

करक्यूमिन, हल्दी में मौजूद एक यौगिक होता है, जो शरीर में सूजन को कम करने का काम करता है। वहीं, आयुर्वेदिक चिकित्सा में, अदरक और लहसुन के एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों का उपयोग सदियों से गठिया, आॅटोइम्यून विकारों और यहां तक कि सिरदर्द और मतली जैसी कई स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। जिसका समर्थन विज्ञान भी करता है। मिर्च का एक सक्रिय घटक उंस्र२ं्रू्रल्ल, कैंसर कोशिकाओं को धीमा और नष्ट करने का काम करता है। यूसीएलए के एक अध्ययन में पाया गया कि कैप्साइसिन बिना किसी स्वस्थ कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त किए बगैर चूहों में प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकने में फायदेमंद था।

खाद्य पदार्थों में वसा को तोड़ने में मदद करके, मसाले हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि तीखा उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे हृदय संबंधी कारणों को कम करने में भी मददगार होता है।

जीरा और हल्दी को शक्तिशाली एंटीआक्सिडेंट और एंटी बैक्टीरिया गुणों के लिए जाना जाता है। ऐसे में इनके उपयोग से शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता मिल सकती है।

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