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फास्टैग के फायदे ही फायदे; 30% बढ़ी वाहनों की रफ्तार, टोल टैक्स में भी रिकॉर्ड इजाफा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) सिस्टम व फास्टैग तकनीक के सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। इस एक तकनीक से अनेक फायदे हो रहे हैं। फास्टैग ने देशभर के टोल टैक्स प्लाजा पर जाम की समस्या को समाप्त लगभग किया है। प्लाजा पर दो से तीन मिनट में टोल कट जाता है। इससे वाहनों की औसत रफ्तार 25-30 फीसदी बढ़ गई है। टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगाने से सालाना 20,000 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत हो रही है। खास बात यह है कि फास्टैग लागू होने के बाद टोल टैक्स में रिकॉर्ड 148 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जिसका सीधा लाभ आम सड़क यात्रियों को मिलेगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार, जनवरी 2022 तक 4.59 करोड़ से अधिक वाहनों में फास्टैग लगाया जा चुका है। वर्तमान में हर माह लगभग दो लाख वाहनों में फास्टैग लगाया जा रहा है। 2019-20 में ऑनलाइन टोल टैक्स कलेक्शन (फास्टैग) से 10728.52 करोड़ रुपये जमा हुए। 2020-21 में 20,837.08 व 2021-22 (जनवरी तक) 26622.93 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुए। इस प्रकार पिछले दो सालों से कम समय में फास्टैग के जरिए टोल टैक्स वसूली में 148.15 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन 110 करोड़ रुपये टोल वसूली होती है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में शोध कार्य करने वाली लोक नीति शोध केंद्र के निदेशक डा. सुमित भसीन ने बताया कि डीपीआर में मूल्यांकन के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की लागत तय की जाती है। निवेश किए गए धन की वापसी के लिए प्रतिदिन प्राप्त होने वाली टोल राशि के हिसाब से निर्माण कंपनी को टोल दरें व वर्षो का टोल वसूलने का अधिकार दिया जाता है।

डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं होने से पूर्व में टोल टैक्स वसूली में गड़बड़ी होती थी, लेकिन अब टोल का पैसा सीधे बैंकों में जाता है। टोल वसूली राशि बढ़ने से कंपनी का निवेश जल्द वापसी होगा। इससे टोल की दरे सस्ती होंगी और वसूली की मियाद भी कम होगा, जिसका फायदा आम जनता को होगा। उन्होंने बताया देश में 728 टोल प्लाजा (201 राज्य सरकार के प्लाजा) हैं। इसमें 97 फीसदी पर ईटीसी सिस्टम काम कर रहा है। शोध के मुताबिक, हर साल प्लाजा पर जाम नहीं लगाने से 20 हजार करोड़ रुपये का ईंधन बच रहा है। फास्टैग पर्यावरण बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

परिवहन विशेषज्ञ एस.पी. सिंह का कहना है कि पूर्व में मैन्युअल टोल टैक्स लेने से टोल प्लाजा पर घंटो जाम लगना आम बात थी। लेकिन दिसंबर 2020 से फास्टैग लागू होने के बाद बगैर रुके वाहन टोल अदा कर रहे हैं। कुछ बड़े प्लाजा हैं जहां दो से तीन मिनट लगता है। इसके अलावा कई बार बैंक सर्वर स्लो होने पर टैक्स कटने वक्त लग जाता है। इंटरनेट नेटवर्क बेहतर होने पर यह समस्या भी समाप्त हो जाएगी और वाहन बैगर रुके टोल अदा कर सकेंगे।

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