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सबूत इतने हैं कि पूरी ज्ञानवापी मस्जिद पर ठोका जा सकता है दावा!

संजय सक्सेना, लखनऊ

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का सोमवार को अंतिम दिन था। सर्वे को लेकर जिस तरह से हिन्दू पक्ष उत्साहित नजर आ रहा है उससे तो यही लगता है कि भले ही अभी कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर स्थित देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करने की अनुमति के लिए कुछ लोगों के श्रद्धालुओं की ओर से याचिका दायर की गई हो, लेकिन यदि सर्वे में हिन्दू पक्ष में ‘काफी कुछ’ मिला तो आगे चलकर पूरी ज्ञानवापी मस्जिद पर भी हिन्दू पक्षकारों की दावेदारी मजबूत हो सकती है। यह दावा सर्वे टीम के सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर किया जा रहा है। सोमवार सुबह दस बजे तक कुल दो घंटे एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की गई। इसके बाद सर्वे में शामिल सभी सदस्य ज्ञानवापी परिसर से सर्वे के बाद वापस लौट गए। इस दौरान पत्रकारों से रूबरू होते हुए वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य ने काफी बड़ा दावा करते हुए कि ‘नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए हैं’। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है, जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा अब मिल गए हैं। यह और बात है कि सोहनलाल के दावों के विपरीत मुस्लिम पक्ष ने कहीं कुछ भी मिलने के दावों से इनकार किया है।

सोहनलाल आर्य ने कबीर दास के दोहे का उदाहरण दिया कि जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ। इस बात पर उनसे इसका अर्थ बताने को कहा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए हैं। बताते चलें कि पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर आशा जताई थी। अब आखिरी दिन सोमवार को हुई कार्यवाही के बाद उन्होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा विश्वनाथ के मिल जाने की जानकारी दी। हालांकि, इससे अधिक उन्होंने मामला अदालत में होने की वजह से जानकारी देने से मना कर दिया।

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जो भी सोचा या माना गया था उसकी उम्मीद से कहीं अधिक परिणाम इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष को हासिल हुए हैं। उन्होंने सोमवार को सर्वे के अंतिम दिन को बहुत बड़ा दिन बताया। कहा कि- हिंदू पक्ष के लिए भी आज का दिन बहुत बड़ा है। बताते चलें कि सोहनलाल आर्य 52 लोगों की उस टीम में शामिल हैं जो एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही ज्ञानवापी मस्जिद में कर रही थी। जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठश् का उदाहरण देते हुए उन्होंने इशारों- इशारों में उन्होंने तीन दिनों की एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को उजागर किया है। बताते चलें कि वाराणसी में महमूरगंज निवासी लक्ष्मी देवी (श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ता) के पति सोहनलाल आर्य इस मामले में अदालत की ओर से सर्वे की 52 लोगों की टीम में शामिल किए गए थे। सर्वे टीम कल अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी।

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