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भारत और रूस की बढ़ रही नजदीकियां, इसी हफ्ते दोनों देशों के बीच होगी ये बड़ी डील

नई दिल्‍ली । पुराने दोस्त हमेशा काम आते हैं. मौजूदा वक्त में ये बात अगर रूस और भारत (Russia and India) के संदर्भ में कही जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान जहां पूरी दुनिया रूस को अलग-थलग करने में जुटी है. इस बीच भारत और रूस की नजदीकियां बढ़ रही हैं. अब खबर है कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंक यानी Reserve Bank of India (RBI) और Bank of Russia अगले हफ्ते एक अहम बैठक करने जा रहे हैं.

आसान होगा पेमेंट सिस्टम
दरअसल ये बैठक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय पेमेंट सिस्टम को लेकर होने वाली है. अगर इस सिस्टम पर सहमति बन जाती है तो दोनों देशों के बीच पेमेंट करना आसान हो जाएगा और इसमें किसी भी तरह के इंटरनेशनल प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होगा. फरवरी के अंत में रूस और यूक्रेन की जंग शुरू होने के बाद से रूस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध लगातार कड़े होते जा रहे हैं.

दोनों केंद्रीय बैंक के अधिकारी अगले हफ्ते बैठक कर Loro या Nostro तरह के खाते खोलने पर बातचीत कर सकते हैं. पहले वाला एक थर्ड पार्टी अकाउंट होता है जहां एक बैंक देश में दूसरे बैंक के लिए खाता खोलता है. जबकि दूसरे वाले ऑप्शन में एक बैंक किसी दूसरे देश के किसी और बैंक में खाता खोलता है.

ईटी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि दोनों केंद्रीय बैंक ये देखेंगे कि कैसे ये खाते भारत और रूस की मुद्राओं में खोले जा सकते हैं. दो दिन चलने वाली ये बैठक बुधवार और गुरुवार को दिल्ली में हो सकती है.

इस बैठक में केंद्रीय बैंकों के अलावा, दोनों देशों के मंत्रालयों, बैंको और वित्तीय संस्थानों के अधिकारी शामिल होने की भी संभावना है. हालांकि इस बारे में RBI और Bank of Russia ने कोई जानकारी नहीं दी है. बैठक में SBI, Uco Bank, Bank of Maharashtra, Canara Bank और Indusind Bank के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा NPCI और FEDAI के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.

नजदीक आ रहे पुराने दोस्त
रूस और यूक्रेन के बाद जब दुनिया ने रूस पर प्रतिबंध लगाने शुरू किए, तो रूस ने भारत को डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने की पेशकश की. इसका असर ये हुआ है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद रूस अब भारत को तेल आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. इस मामले अब रूस ने सऊदी अरब को भी पीछे छोड़ दिया है. अभी भारत सबसे अधिक कच्चा तेल इराक से आयात करता है. भारतीय तेल रिफाइनरियों ने मई में रूस से लगभग 2.5 करोड़ बैरल तेल खरीदा है. यह भारत के कुल तेल आयात का 16 फीसदी से अधिक है.

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