उत्तराखंड

चारधाम यात्रा पर हो रहे मौत का राज्य सरकार ने लिया संज्ञान, जांच के लिए हुआ कमेटी का गठन

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म की सबसे मुख्य तीर्थस्थल चारधाम यात्रा में यात्रियों की हो रही मौत को राज्य सरकार ने संज्ञान में लिया है। लगातार घोड़ों,खच्चरों व मौसम की मार से हो रहे मौतों पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने जांच के लिए पांच सदस्यीय स्पेशल टीम का गठन किया है। टीम जल्द ही सरकार को जांचकर रिपोर्ट सौंपेगी। मीडिया में आ रहे मौतों की खबर को पूर्व केंद्र मंत्री मेनका गांधी ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा है। हाल ही में आये आकड़ों में यह बात सामने आयी थी, कि मात्र कुछ ही दिनों में लगभग 102 यात्रियों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से ही शासन-प्रशासन बड़े एक्शन मूड में दिखाई दे रहा है।

चार धामयात्रा में श्रद्धालुओं को ले जाने में घोड़ों,खच्चरों की बहुत अहम भूमिका होती है। गंगोत्री,यमुनोत्री,बदरीनाथ,केदारनाथ की यात्रा में ऊंचाई पर टेढ़े-मेढ़े सकरें रस्ते हैं। इन रास्तों पर बड़ी संख्या में यात्रीयों द्वारा घोड़ों और खच्चरों का प्रयोग किया जाता हैं। इन जानवरों को समय पर चारा-पानी न मिलने और ऊंची चढान पर चढ़ते हुए इनके थककर गिरने या मौत होने से अधिकांश हादसे होते हैं। घोड़ों,खच्चरों की हो रहे मौत को सरकार ने संज्ञान लिया है।

रूद्रप्रयाग पहुंचे पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने जानवरों के मालिकों को जानवरों को एक दिन काम करवाने के बाद एक दिन आराम करवाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा बाबा केदारनाथ की यात्रा में चल रहे घोड़ों-खच्चरों को उनके मालिक गर्म पानी और उंचित साफ-सफाई की व्यवस्था करें। साथ ही कहा किसी भी घोड़े या खच्चर का दाना-पानी न मिलने से मौत होता है, तो उनके मालिकों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।इसके साथ ही मंत्री ने स्वास्थ व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

सरकार के इस एक्शन मूड से श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में निश्चित ही सुधार होने के आसार है। इन सुधारों के चलते भविष्य में चारधाम यात्रा में निश्चित ही देश के कोने-कोने से यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है।

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