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लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में होगा मिशन 2024 की चुनावी रणनीति पर मंथन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद सपा को रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में भी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी (Bhartiya Janta Party) दोनों सीटों को जीतने में कामयाब हो गई थी। अब सपा नए सिरे से मिशन 2024 को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है और इस लिहाज से 29 सितंबर को लखनऊ में होने वाला राष्ट्रीय अधिवेशन काफी अहम साबित होने वाला है। इसमें कई प्रदेशों से नेता और पदाधिकारी पहुंचेंगे और अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के साथ ही पार्टी के विस्तार और चुनौतियों को लेकर चर्चा करेंगे।

समाजवादी पार्टी (सपा) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने और 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए 29 सितंबर को लखनऊ में अपना राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करेगी। उससे एक दिन पहले सपा अपना प्रदेश अधिवेशन करेगी जहां पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष चुना जाएगा। सपा के सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिन्हें 2017 में आगरा सम्मेलन के दौरान औपचारिक रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने जाने की संभावना है।

सपा ने जुलाई में सदस्यता अभियान शुरू किया था। सक्रिय सदस्य राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। 2022 के चुनावों में हार के बाद ये सम्मेलन सपा की पहली बड़ी बैठक होने जा रही है। जुलाई में, आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनावों में पार्टी की हार के बाद, अखिलेश यादव ने सभी पार्टी विंग को भंग कर दिया। केवल यूपी सपा प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने अपना पद बरकरार रखा।

पार्टी के सूत्रों की माने तो दोनों सम्मेलनों में, पार्टी देश की अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित करेगी, राजनीतिक दलबदल को बढ़ावा देने के लिए भाजपा की बोली, लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करना और सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा पैदा करना। इन प्रस्तावों में यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था और शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी। पार्टी के एक पदाधिकारी की माने तो इस सम्मेलन में कई राज्यों से पदाधिकारी पहुंचेंगे और अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे।

5 अक्टूबर, 2017 को आगरा में पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश को सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। उनका निर्विरोध पद पर पुन: अभिषेक किए जाने की पूरी संभावना है। हालांकि, पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव उस समय सम्मेलन से दूर रहे थे लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि वो इस बार शामिल हो सकते हैं। हालांकि कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि उनके स्वास्थ्य को देखते हुए यह संभव नहीं दिखता। हालांकि पार्टी एक दिन पहले अपना राज्य सम्मेलन आयोजित करेगी जहां उसके प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा।

मौजूदा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा है कि भाजपा ने “राजनीतिक और आर्थिक संकट पैदा किया है और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया है”। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में इन मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीके पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ‘2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर भी गहन चर्चा होगी। इन सम्मेलनों में सपा के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्षों का भी चुनाव होगा। सपा के प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि लखनऊ में 28 और 29 सितंबर को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है। 28 को राज्यों के सम्मेलन होंगे जबकि 29 को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस दौरान कार्यकारिणी का भी गठन किया जाएगा।

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