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देश में बेहद प्रसिद्ध है हनुमान जी के ये 10 मंदिर, दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं सारे कष्ट

नई दिल्ली : आज का दिन मंगलवार है और मान्‍यता के अनुसार इस दिन संकटमोचन हनुमान की पूजा की जाती है । हनुमान भक्ति के बारे में मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा से हनुमान जी की स्तुति करता है। बजरंग बली उस पर अपनी कृपा बरसाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश में ऐसे हनुमान मंदिर जिसके दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

दाढ़ी और मूंछ वाली अनोखी हनुमान जी की मूर्ति को लोग सालासर वाले हनुमान जी के नाम से संबांधित करते हैं। यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर गांव में स्थित है। कहते हैं कि हनुमत भक्ति के इस धाम में आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता और उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है। मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ घोर युद्ध हुआ। अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया।

मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी। बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनके अंशावतार बजरंग बली के बारे में मान्यता है कि उनके दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसीलिए लोग इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से बुलाते हैं।

श्री हनुमान जी का भव्य पावन धाम जिसे लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं अयोध्या में स्थित है। श्रीरामजन्मभूमि के करीब यह मंदिर ऊंचे टीले पर स्थित है। जहां 60 साीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमत के दर्शन होते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर स्थित है हनुमान जी की यह लेटी हुई प्रतिमा। 20 फीट लम्बी इस प्रतिमा को हर साल गंगा जी स्नान कराने के लिए आती हैं। देश-दुनिया में जहां नदियों के जलस्तर को एक संकट के रूप में देखा जाता है, वहीं इस मंदिर के भक्त गंगा के जलस्तर को शुभता की दृष्टि से देखते हैं। मान्यता है कि जिस साल गंगा जी हनुमान जी को स्नान करने में असमर्थ रहती है तो वह उसकी भरपाई अगले वर्ष उन्हें कई बार स्नान कराकर करती हैं।

देश की प्राचीन सप्तपुरियों में से एक मध्य प्रदेश की उज्जैन नगरी से महज 30 किमी की दूरी पर श्री हनुमान जी की उल्टे रूप में साधना-अराधना होती है। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। रामायणकालीन यह मंदिर साँवरे नामक स्थान पर स्थापित है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 25 कि. मी. दूर पर स्थित है बजरंगी का यह पावन धाम। रतनपुर नाम के इस स्थान को महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि विश्व में हनुमान जी का यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान नारी स्वरूप में मौजूद हैं।

भले ही उत्तर भारत समेत दुनिया भर में हनुमान जी की साधना-अराधना एक बाल ब्रह्मचारी के रूप में की जाती हो लेकिन तेलंगाना में हनुमान जी को विवाहित माना पूजा जाता है। हैदराबाद से 220 कि.मी की दूर खम्मम जिला में हनुमानजी और उनकी पत्नी का मंदिर है। इस पावन धाम में बजरंग बली और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। मान्यता है कि हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन से वैवाहिक जीवन मे आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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