मकान ही नहीं फ्लैट खरीदते समय भी याद रखने चाहिए ये वास्तु नियम
नई दिल्ली : तेजी सी भागती-दौड़ती जिंदगी में हर शख्स अपनी तीन मूलभूत जरूरतों यानि रोटी, कपड़ा और मकान को पाने के लिए दिन-मेहनत कर रहा है। अमूमन लोगों की इनमें से दो जरूरतें तो पूरी हो जाती हैं, लेकिन सिर को ढंकने के लिए एक अदद छत बामुश्किल मिल पाती है। तेजी से बढ़ती आबादी के बीच जिन लोगों को मकान बनाने के लिए जमीन नहीं मिल पाती तो वह अपने लिए फ्लैट का सपना बुनता है। यदि आप भी कोई फ्लैट खरीदने या किराए पर लेने जा रहे हैं तो आपको नीचे दिए गए वास्तु नियमों की भूलकर भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
पंचतत्वों पर आधारित वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी फ्लैट को खरीदते या किराये पर लेते समय उसकी दिशा पर सबसे पहले विचार करना चाहिए। वास्तु के अनुसार पूर्व, उत्तर और उत्तर पूर्व मुखी द्वारा वाला फ्लैट व्यक्ति के सुख-सौभाग्य को बढ़ाने वाला होता है। ऐसे फ्लैट में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी फ्लैट को लेते समय उसके आकार पर भी खूब ध्यान देना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार जहां आयताकार और गौमुखी फ्लैट बहुत शुभ माने गए हैं, वहीं गोलाई लिए हुए या फिर त्रिकोण आकार वाले फ्लैट को दोषयुक्त माना गया है। ऐसे फ्लैट को लेने से बचना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भूलकर भी उस फ्लैट को नहीं लेना चाहिए जिसके मुख्य द्वार के सामने सीढ़ी या फिर लिफ्ट हो। वास्तु में इसे बड़ा दोष माना गया है।
वास्तु के अनुसार उस फ्लैट को लेने से बचना चाहिए जो बहुत लंबे समय से बंद पड़ा हो या फिर उसमें रहने वाले किसी व्यक्ति की दुर्घटना या बीमारी से मृत्यु हुई हो।
वास्तु के अनुसार वह फ्लैट बहुत अच्छा और शुभ माना जाता है, जिसमें सूर्य का प्रकाश और हवा के आने-जाने की समुचित व्यवस्था बनी हुई होती है। वास्तु के अनुसार जिस फ्लैट में खिड़कियां और दरवाजे पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होते हैं, उन्हें शुभ माना गया है।
वास्तु के अनुसार भूलकर भी ऐसा फ्लैट नहीं खरीदना चाहिए जिसके आसपास कब्रिस्तान, कूड़ाघर या फिर टूटी-फूटी इमारते हों या फिर जिस फ्लैट की मेन बालकनी दक्षिण दिशा की ओर हो। मान्यता है कि ऐसे फ्लैट के आस-पास हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का वास बना रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट का चयन करते समय उसमें किचन की दिशा और उसमें चूल्हे के स्थान को जरूर देखना चाहिए। वास्तु के अनुसार फ्लैट के दक्षिण-पूर्व यानि आग्नेय कोण में बना किचन ज्यादा शुभ होता है। यदि ऐसा न संभव हो पाए तो किचन के भीतर गैस के चूल्हे को जरूर किचन के दक्षिण पूर्व दिशा में रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार इस नियम के फ्लैट में कभी भी किचन और टायलेट अगल-बगल नहीं होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार यदि आपने नया फ्लैट लिया है तो आप उसमें अपना मंदिर ईशान कोण में, ड्राइंग रूम उत्तर-पश्चिम, या फिर दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में बना सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि आपका बेड, खाने और पढ़ने वाली टेबल किसी बीम के नीचे न रहे।