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सबकुछ लुटाकर भी चुनाव कराने पर अड़े इमरान खान, सरकार से की मार्मिक अपील

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान इन दिनों मुश्किलों में फंसे हुए हैं लेकिन इसके बावजूद वह चुनाव कराने की मांग पर अड़े हैं। इमरान खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब सरकार उनकी पार्टी तोड़ ले, उसके बाद तो चुनाव की तारीखों का एलान करे।

बता दें कि हाल के दिनों में कई नेता पीटीआई छोड़ चुके हैं। इनमें पार्टी के कई बड़े नाम जैसे शिरीन माजरी, फवाद चौधरी, इमरान इस्माइल, आमिर महमूद कियानी, अली जैदी, मालीका बुखारी, नादिया अजीज, तारिक महमूद अल हसन, मलिक खुर्रम अली खान और जमशेद थॉमस आदि शामिल हैं। दरअसल इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद बीती 9 मई को भड़की हिंसा मामले में अब गिरफ्तारियां हो रही हैं। साथ ही पाकिस्तानी आर्मी गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। आर्मी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। यही वजह है कि डरकर कई नेता इमरान का साथ छोड़ रहे हैं और पार्टी खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।

इमरान खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘जिन लोगों को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उनमें से जो दोषी हैं उन्हें जेल में रखे लेकिन बाकियों को तो रिहा कर दें क्योंकि अधिकतर लोग हिंसा में शामिल नहीं थे। सत्ताधारी लोग राजनीति और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। इमरान ने कहा कि अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है इसलिए अपने आप को समय दें और दो या तीन हफ्ते का समय लें लेकिन जब आप पीटीआई से इतने लोगों को तोड़ दें कि पार्टी चुनाव लड़ने लायक ना रहे तो उसके बाद तो चुनाव का एलान कर दें।’

इमरान खान ने ये आरोप लगाया कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि पाकिस्तानी पत्रकार इमरान रियाज को कोर्ट के सामने पेश किया जाए लेकिन इसके बावजूद इमरान रियाज को पेश नहीं किया गया है। ऐसे में आदेश नहीं मानने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाना चाहिए। बता दें कि इमरान रियाज को इमरान खान का समर्थक माना जाता है और वह बीते कई दिनों से लापता हैं।

इमरान खा ने सुप्रीम कोर्ट से एक कमेटी बनाकर 9 मई को भड़की हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। इमरान का आरोप है कि 9 मई को भड़की हिंसा उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ एक सोची समझी साजिश थी।

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