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तानाशाह किम जोंग उन ने बहन को सौंपी जिम्मेदारी, जानें क्या है वजह

प्योंगयांग: कोरोना महामारी के बची उत्तरी कोरिया की अर्थव्यवस्था को लेकर तानाशाह किम जोंग उन ने उन रिपोर्ट्स के बीच सख्त चेतावनी जारी की है कि जिसमें यह दावा किया गया है कि तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी बड़ी बहन को कुछ शक्ति दी है, जिसमें अमेरिका के साथ संबंध की जिम्मेदारी शामिल है। तानाशाह किम जोंग उन ने बताया कि देश को विभिन्न पहलूओं में अप्रत्याशित और अपरिहार्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाढ़ और कोरोना वायरस की वजह से उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था पिछले दो दशक में सबसे खराब स्थिति में है। दक्षिण कोरिया के मंत्रियों ने बताया कि देश के जासूसों ने जानकारी दी है कि किम ने सियोल और अमेरिका के साथ संबंध की जिम्मेदारी को लेकर अपनी कुछ शक्तियां अपनी छोटी बहन किम यो जोंग को दी हैं।  हालांकि किम यो जोंग की कूटनीतिक मामलों में सार्वजनिक भूमिका बढ़ी है, जैसे कि साल की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक पत्र पर जवाब देना। इसमें औपचारिक शक्ति साझा व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया गया था।

जासूस एजेंसी की ओर से विस्तार से जानकारी मिलने के बाद इंटेलीजेंस कमिटी सदस्य हा ताई-क्यूंग ने बताया कि इस फैसले से ऐसा नहीं लगता कि किम चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की तरह कलेक्टिव लीडरशिप सिस्टम को अपना रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि उत्तरी कोरिया के मौजूदा नेतृत्व वाले तरीके के तहत ही किम जोंग उन के पास सारी शक्तियां हैं।

उत्तरी कोरिया ने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के पहले राष्ट्रीय कांग्रेस योजना की भी घोषणा की। जनवरी में हुई महत्वपूर्ण बैठक किम की बहन जैसी प्रभावशाली अधिकारी को प्रोत्साहित करने का एक जरिया हो सकता है। प्रमुख नीतिगत लक्ष्यों की गति के बारे में किम जोंग उन की शिकायतों की श्रृंखला में अर्थव्यवस्था पर बयान देना नया था।

आने वाली पार्टी कांग्रेस में उत्तरी कोरिया के नेता नई पांच साल की आर्थिक विकास योजना की शपथ लेंगे। किम विभिन्न मोर्चों पर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और इस साल की शुरुआत में एक कथित स्वास्थ्य डर ने उत्तराधिकार के बारे में कई तरह के सवाल उठाए।

ट्रंप के साथ उनकी परमाणु चर्चाएं बिना किसी प्रतिबंध को लेकर राहत पाने के लिए रुक रही हैं। इसके अलावा इस सप्ताह अमेरिकी और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास बंद कर दिया है। पेंसिल्वेनिया में एक कैंपेन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दावे को दोहराया कि अगर कि अगर वो यहां नहीं होते तो अमेरिका, उत्तरी कोरिया ने जंग लड़ रहा होता।
 
जनवरी में कोरोना वायरस की वजह सीमाओं को बंद करने के फैसले के कारण उत्तरी कोरिया के अर्थव्यवस्था दबाव में है। इस साल उत्तरी कोरिया को साल 1997 के बाद से अर्थव्यवस्था में बड़ी चुनौती दिख सकती है। इस साल गर्मी में हुई मूसलाधार बारिश ने खेती को तबाह कर दिया है, जिससे देश में खाद्यान्न संकट बढ़ गया है।

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