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जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को क्यों चढ़ाई जाती है धनिया की पंजीरी

नई दिल्ली : देशभर में गुरुवार और शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस बार पंचांग दोष के चलते यह त्योहार 2 दिन मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है। उनका जन्म किया जाता है और उन्हें तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं। वैसे तो जन्माष्टमी में छप्पन भोग लगाने का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस दिन भगवान कृष्ण को धनिया की पंजीरी (dhaniya ki panjiri) का भोग जरूर लगाया जाता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं इसे बनाने की विधि और बताते हैं कि आखिर धनिया की पंजीरी ही जन्माष्टमी पर क्यों बनाई जाती है।

धनिया पंजिरी एक भारतीय मिठाई है, जिसे प्रसाद के रूप में जन्माष्टमी के त्योहार के लिए बनाया जाता है। यह पौष्टिक व्यंजन घी और मेवे से भरा हुआ है। इसमें धनिया के पाउडर का उपयोग किया जाता है। ये एक ग्लूटन फ्री स्वीट डिश है। धनिया की पंजीरी बनाने की प्रक्रिया लगभग नियमित पंजीरी बनाने की तरह ही होती है और पूजा के बाद इसे पंचामृत के साथ परोसा जाता है।

क्यों भगवान कृष्ण को चढ़ाई जाती है धनिया की पंजीरी
भगवान कृष्ण को धनिया से बनीं पंजीरी बहुत पसंद आती है और इसका भोग लगाने से वो अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इतना ही नहीं जन्माष्टमी का त्योहार वर्षा ऋतु में आता है। ऐसे में वात, कफ, पित्त इन चीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। मौसम में बदलाव के चलते लोगों में संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है। ऐसे में धनिया इन सारी चीजों से हमारा बचाव करता है। इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसी कारण जन्माष्टमी पर धनिया की पंजीरी का प्रसाद भोग स्वरूप बनाया जाता है और सभी लोग इसका सेवन करते हैं।

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