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गलती से भी स्त्रियां को पैरों में नहीं पहननी चाहिए सोने की पायल

नई दिल्ली : सोलह श्रृंगार का अहम हिस्सा पायल न सिर्फ महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाती है बल्कि इससे उन्हें स्वास्थ लाभ भी मिलता है लेकिन पैरों में कभी सोने की पायल नहीं पहननी चाहिए, आइए जानते हैं क्यों.

शास्त्रों में महिलाओं के आभूषण पर भी कई खास चीजें बताई गईं हैं, इन्हीं में से एक है पायल. मान्यता है कि कमर के नीचे पहनने वाले गहने कभी सोने के नहीं होना चाहिए. इसका न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है.

धार्मिक मान्यता है कि सोने को लक्ष्मी जी का रूप माना जाता हैहै. पैरों में सोने की पायल पहनने से मां लक्ष्मी का अनादर होता है. कहते हैं ऐसे करने पर धन हानि का नुकसान झेलना पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पैरों के जिस हिस्से में पायल पहनी जाती है वहां केतु का स्थान माना गया है. केतु को शांत करने के लिए चांदी की पायल ही पहनना चाहिए, क्योंकि केतु में शीतलता न होने से शरीर के निचले हिस्से पर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

वैज्ञानिक कारण है कि पैरों में सोने के आभूषण जैसे पायल और बिधिया पहनने से शरीर में गर्मी बढ़ती है. अगर शरीर के सभी अंगों में सिर्फ सोने के गहने पहनेंगी तो शरीर का तापमान बढ़ने से कई बीमारियां हो सकती हैं.

कहते हैं कि कमर के ऊपर स्वर्ण के आभूषण और कमर के नीचे चांदी के गहनें पहनने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है. जिससे साधक पर बुरा असर नहीं पड़ता. पैरों में चांदी की पायल पहनने से शरीर का तापमान बैलेंस रहता है. पायल पैरों में रगड़ती है जो स्त्रियों की हड्डियों को मजबूत बनाती है.

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