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कांग्रेस-भाजपा समर्थकों की झड़पों और विरोध के बीच राहुल को ख़ारिज करनी पड़ी नुक्कड़ सभाएं

अमेठी। अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विरोध के चलते नुक्कड़ सभाएं नहीं कर सके। कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच में झड़पों का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा। गौरीगंज में पुलिस ने लाठियां बरसाकर कांग्रेसियों का खदेड़ा। राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद राहुल का पहला दौरा कार्यकर्ताओं में उत्साह के साथ टकराव की खटास भी भर गया। कांग्रेस-भाजपा समर्थकों की झड़पों और विरोध के बीच राहुल राहुल को ख़ारिज करनी पड़ी नुक्कड़ सभाएं

मंगलवार को प्रात: लगभग 11 बजे मुंशीगंज गेस्ट हाउस से जनसंपर्क को निकले राहुल गांधी को मुसाफिरखाना में पहली नुक्कड़ सभा विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी और रोड़ शो किया। समर्थकों ने पुष्प वर्षा करके जबरदस्त स्वागत किया परंतु राहुल गांधी वापस जाओ लिखी तख्तियां लहराए जाने से रंग में भंग पड़ गया।

गौरीगंज में कांगे्रस-भाजपा समर्थकों के आमने सामने आ जाने से टकराव मर्यादा लांघ गया। हाथापाई शुरू हुई तो पुलिस ने लाठियां बरसा कांग्रेसियों को खदेड़ा। राहुल के गौरीगंज पहुंचने से पहले ही तनाव बढ़ा तो प्रशासन ने स्वागत रूट बदल दिया। राहुल गांधी पहली बार गौरीगंज के चौक बाजार में जनसंपर्क के लिए जाने वाले थे, लेकिन भव्यता से सजाए बाजार में नहीं पहुंच सके। रूट बदले जाने से क्षुब्ध राहुल ने सुरक्षा घेरा तोड़कर पैदल मार्च किया।

हनुमान मंदिर में पूजन नहीं कर सके : टकराव के हालात देखते हुए गौरीगंज में राहुल गांधी के सभी प्रोग्राम निरस्त कर दिए गए। नुक्कड़ सभा टालने के अलावा चौक बाजार में स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन व पूजन कार्यक्रम भी न हो सका। पुलिस अधिकारियों से राहुल की नोकझोंक भी हुई परंतु उनको चौक बाजार नहीं जाने दिया गया। करीब डेढ़ किलोमीटर समर्थकों सहित पैदल मार्च के बाद जायस के लिए रवाना हो गए। जायस, जगदीशपुर व मोहनगंज में भी नुक्कड़ सभाएं स्थगित करनी पड़ी और दूसरे दिन राहुल बिना एक शब्द बोले जनसंपर्क करके वापस लौट गए।

महिलाओं की भीड़ ज्यादा

राहुल को विरोध का सामना भले ही करना पड़ा परंतु उनके समर्थकों में भी उत्साह कम नहीं था। गौरीगंज के युवा अनिल सिंह का कहना है कि राहुल गांधी के स्वागत को लेकर आम जनता में उत्साह है। स्वागत को जुटी भीड़ में महिलाओं की संख्या अधिक होने का हवाला देते हुए जायस निवासी परवीन फातमा का कहना था कि अमेठी के लोगों का मानना है कि गांधी परिवार की मौजूदगी से क्षेत्र की अहमियत बनी है। 

आक्रामक रणनीति से बढ़ा टकराव

कांग्रेस द्वारा आक्रामक रणनीति बनाने से टकराव के हालात बने। सोमवार को पहले दिन सलोन और सगरा चौराहे पर कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़पें हुई और गौरीगंज जंग का अखाड़ा बना। इससे पहले पोस्टरवार में भी पुलिस को दखल करना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि अमेठी व रायबरेली में भाजपा की घेराबंदी को तोडऩे के लिए  कांग्रेस ने बचाव के बजाए आक्रमक जवाब देने का फैसला किया। जिसके चलते क्षेत्र में टकराव बढऩे के आसार है। जगदीशपुर के किसान रामप्रसाद मौर्य का कहना है कि ऐसी तनातनी की स्थिति अर्से बाद बनी है। 

उधर विधानपरिषद सदस्य दीपक सिंह का दावा है कि राहुल गांधी का विरोध भाजपा प्रायोजित था और प्रदेश सरकार का संरक्षण भी रहा। करीब 250 स्थानों पर क्षेत्रवासियों द्वारा अपने सांसद का स्वागत किया गया जबकि विरोधी चंद स्थानों पर ही सीमित रहे। उन्होंने कहा कि सभी स्थानों पर एक जैसे पोस्टर व तख्तियां विरोध में दिखाने से सिद्ध होता है कि सुनियोजित तरीके से प्रशासन के संरक्षण विरोधी का ड्रामा किया गया।

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